Mahabharat Rahasya: युधिष्ठिर ने किस शर्त के बदले द्रौपदी को लगाया था दांव पर, जानिए क्या है रहस्य

महाभारत और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक जब युधिष्ठिर खेल में सब हार गए थे, तब उन्होंने एक शर्त पर द्रौपदी को दांव पर लगाया था। आज आपको बताने जा रहे हैं कि वह शर्त क्या थी, जिसके खातिर धर्मराज ने अपनी पत्नी पांचाली को दांव पर लगा दिया था।
महाभारत और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक जब युधिष्ठिर खेल में सब हार गए थे, तब उन्होंने एक शर्त पर द्रौपदी को दांव पर लगाया था। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बताने जा रहे हैं कि वह शर्त क्या थी, जिसके खातिर धर्मराज ने अपनी पत्नी पांचाली को दांव पर लगा दिया था।
चौसर में सब हार गए थे धर्मराज युद्धिष्ठिर
महाभारत के अनुसार, दुर्योधन ने अपने मामा शकुनि के साथ मिलकर पांडवों को हराने की योजना बनाई। इस योजना में कौरवों ने पांडवों को चौसर खेलने का निमंत्रण दिया। पांडवों को लगा कि कौरव उनकी तरफ प्यार और समझौते का हाथ बढ़ा रहे हैं, लेकिन असलियत को कुछ और ही थी। हालांकि पांडवों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि मामा शकुनि को चौसर खेलने में महारत हासिल थी। वह जैसे चाहते चाल पलट देते थे और उनकी इच्छा के मुताबिक अंक आते थे।
शकुनि और दुर्योधन की चाल में धर्मराज युधिष्ठिर फंस जाते हैं और चौसर के खेल में अपना राजपाट हार जाते हैं। इतना ही नहीं, वह खुद के साथ-साथ चारों भाईयों को भी हार जाते हैं और कौरवों का दास बनने के लिए तैयार हो जाते हैं।
द्रौपदी को क्यों लगाया दांव पर
जब धर्मराज युद्धिष्ठिर चौसर में अपना सब कुछ हार गए और आगे के खेल के लिए कुछ नहीं बचा। तब मामा शकुनि ने एक शर्त रखी। इस शर्त के बदले शकुनि और दुर्योधन द्रौपदी को नीचा और बेइज्जत करना चाहते थे। शर्त यह थी कि यदि युधिष्ठिर अपनी पत्नी पांचाली यानी की द्रौपदी को दांव पर लगाते हैं, तो वह युधिष्ठिर का राज-पाठ और सभी भाइयों को वापस कर देंगे। ऐसे में युधिष्ठिर ने द्रौपदी को दांव पर लगाया, लेकिन वह हार गए।
महाभारत ग्रंथ के मुताबिक द्रौपदी को बेइज्जत करने का शकुनि और दुर्योधन को इससे बड़ा मौका नहीं मिल सकता था। ऐसे में उन्होंने द्रौपदी को सभा में बुलाया। वहीं जब द्रौपदी को पता चला कि उनके पति उन्हें चौसर के खेल में हार गए हैं। तो उन्होंने सवाल किया कि जब वह पहले से ही सब हार चुके हैं, तो किसी दूसरे को वह दांव पर कैसे लगा सकते हैं।
श्रीकृष्ण ने की थी मदद
जब चौसर के खेल के बाद दुर्योधन ने द्रौपदी का चीरहरण किया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की सहायता की थी। धार्मिक मान्यताओं के आधार पर महाभारत के युद्ध के पीछे चौसर का खेल और द्रौपदी का चीरहरण बड़े कारणों में से एक था।
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