कश्मीरी पंडितों की दर्द की दास्तान याद कर रोने लगी अनुपम खेर की मां दुलारी, देखें वीडियो

कश्मीरी पंडितों के जुल्म के किस्से सुनाने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स इन दिनों हर किसी को पसंद आ रही है। इस फिल्म ने कई दर्शकों के दिलों को छुआ है। अनुपम खेर ने फिल्म में पुष्कर नाथ पंडित की बेहतरीन भूमिका निभाकर कई लोगों का दिल भी जीता है। फिल्म पर अनुपम की मां दुलारी ने रिएक्ट किया है।
कश्मीरी पंडितों के जुल्म के किस्से सुनाने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स इन दिनों हर किसी को पसंद आ रही है। इस फिल्म ने कई दर्शकों के दिलों को छुआ है। अनुपम खेर ने फिल्म में पुष्कर नाथ पंडित की बेहतरीन भूमिका निभाकर कई लोगों का दिल भी जीता है। अब इस फिल्म पर अनुपम की मां दुलारी ने रिएक्ट किया है। आप देख सकते हैं उन्होंने एक वीडियो के जरिए अपना रिएक्शन दिया है। दरअसल इस वीडियो में अनुपम खैर ने अपनी मां से फिल्म पर फीडबैक मांगा गया, जिस पर उनकी मां दुलारी कहती हैं- 'तस्वीर ठीक से बनाई गई है। अगर यह तस्वीर सही नहीं होती तो दुनिया इसे नहीं देखती। वहीं अनुपम आगे अपनी मां से फिल्म की सफलता का कारण पूछते हैं।
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इस पर दुलारी कहती हैं, ''उन्होंने हमारे साथ यही किया था। यही सच है। रात के 10 बजे उन्होंने कहा था कि उठो, जाओ। अब जो हुआ था वह पूरी दुनिया तक पहुंच गया। यह सब कुछ मेरे भाइयों के साथ हो हुआ था'। उन्होंने बताया कि मेरा भाई जो रामबाग में रहता था और उसने अपना घर उसी साल महल की तरह बनवाया था। रातों रात सब तबाह हो गया। सब को अपना सब कुछ छोड़ कर भागना पड़ा। वह शाम को आया और कहा, यह सब बंद करो। वह रामबाग में रहता था। उसका एक महल का घर था। यह उसी साल बनाया गया था। दुलारी ने आगे बताया कि उसको चिट्ठी मिली थी घर के नीचे, जिसमें लिखा था- आज आपकी बारी है।'
अपनी बात करते हुए दुलारी काफी भावुक हो गयी। अनुपम अपनी मां से रिफ्यूजी कैंप में रह रहे लोगों के बारे में बात करते हुए कहते हैं- 'हम भी ठीक थे, लेकिन रिफ्यूजी कैंपों में रहने वाले गरीबों का हाल बुरा था। यह, दुलारी कहते हैं, जैसा दिखाया गया है, बूढ़ी औरतें रहती थीं, वे गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सके, वे वहीं मर गए, हजारों लोग मर गए। इसके बाद अनुपम आगे कहते हैं, ''मोहम्मद अब्दुल्ला शेख ने भी कहा है कि यह सब झूठ है। दुलारी इस बात से साफ इनकार करते हुए कहती हैं, ''झूठ नहीं, इसकी सच्चाई कोई बताने वाला भी नहीं हैं। मुझे पता है यह सब। भाई की दशा देखी थी मैंने। भगवान उसे आशीर्वाद दे जिसने यह चित्र बनाया है। पूरी कहानी दिखाई गई है। वे (आतंकवादी) कहते थे, 'लड़कियों को बहुओं पर छोड़ दो, तुम निकल जाओ।' यह गलत बात है, मैं यह नहीं करना चाहती था।
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नेशनल कॉफ्रेंस ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि फिल्म सच से बहुत दूर है क्योंकि फिल्म निर्माताओं ने आतंकवाद से पीड़ित मुसलमानों और सिखों के संघर्ष को नजरअंदाज किया है। पार्टी के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर द कश्मीर फाइल्स एक व्यावसायिक फिल्म होती, तो किसी को कोई समस्या नहीं थी लेकिन अगर फिल्म निर्माता दावा करते हैं कि यह वास्तविकता पर आधारित है, तो सच्चाई इससे अलग है। अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के दमाल हांजीपोरा में संवाददाताओं से कहा, जब कश्मीरी पंडितों के पलायन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, तब फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री नहीं थे। जगमोहन राज्यपाल थे।
द कश्मीर फाइल्स 2022 की भारतीय हिंदी भाषा की ड्रामा फिल्म है। जिसे विवेक अग्निहोत्री ने लिखा और निर्देशित किया है। ज़ी स्टूडियोज द्वारा निर्मित, यह फिल्म कश्मीर विद्रोह के दौरान कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित होने का दावा करती है। इसमें अनुपम खेर, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी और मिथुन चक्रवर्ती हैं। फिल्म 11 मार्च 2022 को नाटकीय रूप से रिलीज़ हुई थी।













