भाईजान का फिटनेस ब्रांड विवाद: सलमान खान ने 7.24 करोड़ के लिए खटखटाया NCLAT का दरवाजा

Salman Khan
ANI
रेनू तिवारी । Aug 28 2025 7:38PM

सलमान खान ने अपने फिटनेस ब्रांड 'बीइंग स्ट्रॉन्ग' के रॉयल्टी भुगतान विवाद में जेराई फिटनेस के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की है। यह अपील एनसीएलटी द्वारा उनकी 7.24 करोड़ रुपये की दिवाला अर्जी खारिज किए जाने के बाद की गई है, जिसमें इसे वसूली का मामला माना गया था।

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने एनसीएलटी के उस आदेश को अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी में चुनौती दी है, जिसमें जेराई फिटनेस के खिलाफ 7.24 करोड़ रुपये की बकाया राशि के लिए दिवालियेपन की कार्यवाही शुरू करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। यह विवाद सलमान खान द्वारा जेराई फिटनेस के सहयोग से स्थापित फिटनेस उपकरण ब्रांड 'बीइंग स्ट्रॉन्ग' से जुड़ा है

सलमान ने अपने फिटनेस उपकरण ब्रांड ‘बीइंग स्ट्रांग’ के लाइसेंस अधिकार को लेकर जेराई फिटनेस के साथ एक समझौता किया था। इसी के रॉयल्टी भुगतान को लेकर विवाद है।

सलमान ने मई महीने में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ में जेराई फिटनेस के खिलाफ दिवाला अर्जी लगाई थी। लेकिन उस याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया कि दावा विवादास्पद प्रकृति का है और यह दिवाला कानून के बजाय वसूली प्रक्रिया के दायरे में आता है।

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एनसीएलटी के इस आदेश के खिलाफ सलमान ने अब राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष अपील की है। इस मामले को सुनवाई के लिए 22 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया था लेकिन उनके वकील के अनुरोध पर इसे 15 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। सलमान ने अक्टूबर, 2018 में जेराई फिटनेस के साथ व्यापारलाइसेंस समझौता किया था जिसमें बीइंग स्ट्रांग ब्रांड का उपयोग करने का अधिकार दिया गया था।

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कोविड-19 महामारी और व्यापार में व्यवधान के चलते रॉयल्टी भुगतान में संशोधन किया गया था। हालांकि अभिनेता का कहना है कि जेराई फिटनेस ने समय पर रॉयल्टी राशि का भुगतान नहीं किया। सलमान ने पिछले साल सितंबर में 7.24 करोड़ रुपये की मांग के साथ नोटिस भेजा था जिसमें 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी शामिल था। वहीं, जेराई फिटनेस का कहना है कि उनके बीच पहले से ही विवाद था और उन्होंने एक्स-टेंड और प्रोटॉन सीरीज जैसे उत्पादों के लिए बड़ी पूंजी निवेश की थी। एनसीएलटी ने माना था कि लाइसेंस पाने वाली इकाई को उत्पाद बेचने और प्रचार की अनुमति थी लेकिन इसकी पूर्व-अनुमति लेनी जरूरी थी।

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