शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर का 80 साल की उम्र में निधन, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दी श्रद्धांजलि

प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर का मुंबई में निधन हो गया। 80 साल की उम्र में उन्होंने संक्षिप्त बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। गोवा में जन्मे प्रभाकर कारेकर के परिवार ने बताया कि बुधवार रात शिवाजी पार्क इलाके में स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर का मुंबई में निधन हो गया। 80 साल की उम्र में उन्होंने संक्षिप्त बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। गोवा में जन्मे प्रभाकर कारेकर के परिवार ने बताया कि बुधवार रात शिवाजी पार्क इलाके में स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
दिग्गजों से प्रशिक्षण प्राप्त किया
करेकर को "बोलवा विट्ठल पाहावा विट्ठल" और "वक्रतुंड महाकाय" जैसे गायन के लिए जाना जाता था। एक बेहतरीन गायक और शिक्षक के रूप में सम्मानित, कारेकर ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन पर ग्रेडेड आर्टिस्ट के रूप में प्रस्तुति देते थे। उन्होंने पंडित सुरेश हल्दांकर, पंडित जितेंद्र अभिषेकी और पंडित सीआर व्यास जैसे दिग्गजों से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
गोवा के मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पंडित प्रभाकर कारेकर को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने एक्स अकाउंट (पहले ट्विटर) से एक पोस्ट शेयर की है। 'हिंदुस्तानी शास्त्रीय और अर्ध शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। गोवा के अंत्रुज महल में जन्मे, पंडित जितेंद्र अभिषेकी के संरक्षण में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सीखा। दुनिया भर में विभिन्न मंचों पर प्रदर्शन किया। उन्होंने गोवा में शास्त्रीय संगीत के संरक्षण और विस्तार में बहुत योगदान दिया,' उनके ट्वीट में लिखा है।
सीएम ने आगे लिखा कि कारेकर की संगीत विरासत उनके शिष्यों और प्रशंसकों के साथ जारी रहेगी। 'परिवार, अनुयायियों, शुभचिंतकों और छात्रों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें। ओम शांति,' उनके ट्वीट में लिखा है।
Saddened to learn about the demise of Hindustani Classical & Semi Classical vocalist Pandit Prabhakar Karekar.
— Dr. Pramod Sawant (@DrPramodPSawant) February 13, 2025
Born in Antruz Mahal Goa, learnt the Hindustani Classical Music under the tutelage of Pandit Jitendra Abhisheki. Performed at various platforms all over the globe. He… pic.twitter.com/28olOtmuCx
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