इल्म नहीं था कि गीत के साथ होंठ हिलाने होंगे: शर्मिला टैगोर

Had no idea about lip-syncing in debut Hindi film, says Sharmila Tagore
[email protected] । Apr 30 2018 2:58PM

फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने उस समय को याद किया कि जब उन पर उनकी पहली हिन्दी फिल्म के लिए गीत फिल्माया जा रहा था और उन्हें इल्म नहीं था कि गीत के साथ साथ उन्हें होंठ हि लाने होंगे।

कोलकाता। फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने उस समय को याद किया कि जब उन पर उनकी पहली हिन्दी फिल्म के लिए गीत फिल्माया जा रहा था और उन्हें इल्म नहीं था कि गीत के साथ साथ उन्हें होंठ हि लाने होंगे। शर्मिला ने कल शाम यहां एक कार्यक्रम में कहा कि जब वह अपनी पहली हिन्दी फिल्म ‘कश्मीर की कली’ के गीत ‘दीवाना हुआ बादल’ की कश्मीर में डल झील में शूटिंग कर रही थीं तब उन्हें इल्म नहीं था कि गीत साथ ही उन्हें भी होंठ हिलाने होंगे। 

शर्मिला ने अपने फिल्मी सफर की शुरूआत 1959 में सत्यजीत रे की बांग्ला फिल्म ‘अपूर संसार’ से की थी। हिन्दी फिल्म जगत में उन्होंने 1964 में ‘ कश्मीर की कली ’ के साथ कदम रखा था। उन्होंने 84 वर्षीय आशा भोसले को एक कार्यक्रम में पी सी चंद्रा लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि इस फिल्म की पार्श्व गायिका आशाजी थीं और संगीतकार ओ पी नैयर साहब थे। दोनों उस वक्त की हिन्दी फिल्म जगत के बड़े नाम थे , जबकि वह स्वयं नयी थीं। हालांकि उन्होंने बांग्ला फिल्मों में काम किया था जिसमें सत्यजीत रे की फिल्म भी शामिल थी।

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