फिल्मों को लैंगिक नजरिए से देखे जाने की जरूरत: राहुल बोस

अभिनेता-निर्देशक राहुल बोस का मानना है कि लोगों को लैंगिक नजरिए से फिल्में देखने की जरूरत है और यह विश्लेषण भी करना चाहिए कि बड़े पर्दे पर आ रही कहानियों में क्या पुरूषों और महिलाओं को समान महत्व दिया जाता है।

मुंबई। अभिनेता-निर्देशक राहुल बोस का मानना है कि लोगों को लैंगिक नजरिए से फिल्में देखने की जरूरत है और यह विश्लेषण भी करना चाहिए कि बड़े पर्दे पर आ रही कहानियों में क्या पुरूषों और महिलाओं को समान महत्व दिया जाता है। राहुल ने कहा, ‘‘लोगों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि वह लैंगिक नजरिए से फिल्मों को फिर से देखें और खुद से पूछें कि क्या हमने महिला विरोधी रवैये को स्वीकार कर लिया है और इन सबके बारे में सोच नहीं रहे हैं।’’ 

18 वें जियो मामी मुंबई फिल्म फेस्टीवल विद स्टार ने ‘ऑक्सफैम इंडिया बेस्ट फिल्म ऑन जेंडर इक्वैलिटी’ पर एक पुरस्कार की शुरूआत की है। राहुल ‘लिंग आधारित सामाजिक मानदंडों पर सिनेमा एक प्रभावकारी कारक’ विषय एक पैनल वार्ता में भाग ले रहे थे। उनका मानना था कि लैंगिक समानता को दिखाने वाली एक फिल्म को सम्मान देना एक बड़ा फैसला होता है।

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