कौन थे तानाजी और कैसे हुई थी इतिहास की पहली सर्जिकल स्ट्राइक!

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निधि अविनाश । Jan 9 2020 5:23PM

फिल्म तानाजी के स्टोरी की बात करें तो हमें 17वीं सैंचुरी की कुछ खास इंवेट्स देखने को मिलेंगे। जब मराठा और मुगलों के बीच काफी तनाव का माहोल था। फिल्म का मेन फोकस है अजय देवगन के केरेक्टर तानाजी मालुसरे पर। फिल्म में तानाजी का बचपन दिखाया जाता है और यहां उनके पिता की मौत हो जाती है।

दिल्ली। इन दिनों बॉलिवु़ड में बायोपिक और हिस्टोरिकल मूवी का दौर चल रहा है। इसी बीच अजय देवगन की मूवी तानाजी भी इस लिस्ट में शामिल हो गई है। इतिहास के महान योद्धा पर आधारित यह मूवी भी काफी दिलचस्प होगी। यह अजय देवगन के कॅरियर की 100वीं फिल्म है। और वह काफी टाइम बाद पत्नी काजोल के साथ नजर आएंगे। आज हम आपको बताएंगे इस फिल्म की स्टोरी और इतिहास के बारे में कि कौन थे तानाजी और कैसे हुई थी इतिहास की पहली सर्जिकल स्ट्राइक। 

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फिल्म के स्टोरी की बात करें तो हमें 17वीं सैंचुरी की कुछ खास इंवेट्स देखने को मिलेंगे। जब मराठा और मुगलों के बीच काफी तनाव का माहोल था। फिल्म का मेन फोकस है अजय देवगन के केरेक्टर तानाजी मालुसरे पर। फिल्म में तानाजी का बचपन दिखाया जाता है और यहां उनके पिता की मौत हो जाती है। इतिहास में तानाजी के पिता सरदार कालोजी की ज्यादा जानकारी नहीं है।

फिल्म की स्टोरी कोढांला किले की लड़ाई पर आधारित है। कोढांला पुणे के पास बना यह किला बहुत ही ज्यादा खास था और हर कोई इस किले पर कब्जा करना चाहता था। मुगलों की उत्तर दिशा में पहले से ही अच्छी पकड़ थी और वह कोढांला किले की मदद से दक्षिण दिशा में भी अपना सम्राज्य स्थापित करना चाहते थे। और यह मराठा के लिए चिंता की बात थी। 1657 से लेकर 1664 तक कोढांला किला शिवाजी महराज के पास था लेकिन 1665 में किसी कारण से शिवाजी को यह किला गंवाना पड़ा।

शिवाजी की माताजी जीजाबाई को यह बात बिल्कुल मंजूर नहीं थी कि यह किला मुगलों के पास रहे इसलिए 1670 में राजमाता जीजाबाई ने एक कसम खाई कि जब तक उन्हें कोढांला किला वापस नही मिल जाता तब तक वह खाने पिने का त्याग करेंगी। इस फिल्म में जीजाबाई की कसम थोड़ी अलग है यहां पर उनकी कसम है कि वो जूते नहीं पहनेंगी। शिवाजी को अपनी माताजी की यह इच्छा किसी भी हाल में पूरी करनी थी लेकिन कोढांला जीतना बहुत मुशिकल काम था क्योंकि उस किले की रक्षा औरगंजैब का खास सिपाही उदयभान राठोढ़ कर रहा था जिसका रोल कर रहे है सैफ अली खान। उदय भान एक राजपूत था लेकिन अपनी लालची इरादों के कारण वह मुगलो का साथ दे रहा था। 

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वहीं शिवाजी ने कोढांला किले पर कब्जा जमाने का यह खास काम अपने खास दोस्त और सेनापति तानाजी मालुसरे को सौंपा। उस वक्त तानाजी अपने बेटे की शादी की तैयारियों में व्यस्त थे लेकिन राजमाता की इच्छा और शिवाजी के हुक्म का पालन करने के लिए उन्हेंने अपने बेटे की शादी छोड़ दी और जंग की तैयारियों में लग गए। 4 फरवरी 1670 की रात को तानाजी लगभग 700 से 800 सौनिक लेकर कोढांला की और निकल पड़े उस किले की सुरक्षा काफी मजबुत थी और 5000 मुगल सिपाही उस किले की रक्षा कर रहे थे। लेकिन किले के पीछे के हिस्से पर कोई भी पहरा नहीं था क्योकि उस हिस्से कि दीवार काफी ऊंची और बड़ी थी और वहां पर कोई भी दरवाजा नहीं था और तानाजी ने इसी दिवार पर चढ़ाई करने का फैसला कर लिया। इस काम के लिए उन्होंने इस्तेमाल किया बंगाल मोनिटर लिजार्ड का जिसे घोरपड़े भी कहा जाता है।

यह एक ऐसा जानवर है जिसकी पकड़ काफी मजबुत होती है तानाजी ने इसी लिजार्ड पर रस्सी बांध कर किले के उस पार फैंका और इस रस्सी की मदद से तानाजी समेत 700 सैनिक ने किले पर चढा़ई कर दी। किले पर पहुचते ही शुरू हुई भयानक लड़ाई। 5000 मुगल सैना को 800 मराठा सैनिक खतरनाक टक्कर दे रहे थे। तानाजी उदय भान से मुकाबला कर रहे थे। लंबी लड़ाई के बाद मराठा सैनिक कोढांला किला जीत लेते है लेकिन इस जंग में तानाजी शहीद हो जाते है। तानाजी को उदयभान ने मारा था। शिवाजी को किला जितने की जितनी खुशी नहीं हुई उससे ज्यादा दुख तानाजी को खोने का था। शिवाजी ने कोढांला किले का नाम बदलकर सिंहगढ़ किला नाम रख दिया क्योकि वह तानाजी को सिंह बोलते थे। 

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मराठा योद्धा तानाजी मालुसरे के जीवन पर आधारित यह फिल्म 10 जनवरी को रिलीज होगी। अगर आप भी अजय देवगन के फैन और इतिहास में रखते है रूची तो इस मूवी को देखना न भुलें। इस फिल्म में अजय देवगन और उनकी पत्नी काजोल का लीड रोल है और यह फिल्म सिनेमाघरों में 3D में भी रिलीज हो रही है। अगर आप भी देखना चाहते है कि भारत के वीरों ने किस बेमिसाल रणनिति से बड़ी-बड़ी जंग जीती है तो आप 10 जनवरी को सिनेमाघरों में जाकर अजय देवगन की फिल्म 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' फिल्म देख सकते हैं।

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