42 दिन बाद सर्राफा कारोबारियों की हड़ताल समाप्त

[email protected] । Apr 13 2016 4:51PM

सर्राफा कारोबारियों ने 42 दिन से जारी हड़ताल अस्थायी रूप से वापस ले ली। बजट में गैर चांदी आभूषणों पर एक प्रतिशत के उत्पाद शुल्क के खिलाफ देशभर के सर्राफा कारोबारी हड़ताल पर चले गए थे।

राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा कारोबारियों ने अपनी 42 दिन से जारी हड़ताल अस्थायी रूप से वापस ले ली है। बजट में गैर चांदी के आभूषणों पर एक प्रतिशत के उत्पाद शुल्क के खिलाफ देशभर के सर्राफा कारोबारी हड़ताल पर चले गए थे। सरकार के इस आश्वासन कि उत्पाद शुल्क अधिकारी उन्हें किसी भी तरीके से परेशान नहीं करेंगे, जिससे बाद सर्राफा कारोबारियों ने 12 दिन के लिए अपनी हड़ताल वापस ले ली है।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के उपाध्यक्ष सुरिंदर कुमार जैन ने कहा, ‘‘हमने सरकार के आश्वासन के बाद अस्थायी रूप से 24 अप्रैल तक अपनी हड़ताल वापस ले ली है।’’ महाराष्ट्र राज्य सर्राफा स्वर्णकार फेडरेशन के अध्यक्ष फतेचंद रंका ने बताया कि महाराष्ट्र के सर्राफा कारोबारियों ने भी 24 अप्रैल तक अपनी हड़ताल वापस ले ली है। राजस्थान सर्राफा संघ, जयपुर के अध्यक्ष सुभाष मित्तल ने कहा कि राजस्थान के जौहरियों, कारोबारियों तथा कारीगरों ने कल से अपनी दुकानें खोल दी हैं।

बुलियन एंड ज्वेलरी एसोसिएशन के अध्यक्ष राम अवतार वर्मा ने कहा कि यदि सरकार एक प्रतिशत के उत्पाद शुल्क को वापस लेने की हमारी मांग को पूरा नहीं करती है, तो 25 अप्रैल से हम फिर हड़ताल पर चले जाएंगे। इस बीच, मेरठ के जौहरियों ने भी आज अपनी दुकानें खोल लीं। इस 42 दिन की हड़ताल में रत्न एवं आभूषण उद्योग को एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। करीब 300 संगठनों के तीन लाख से अधिक सर्राफा कारोबारी 2 मार्च से हड़ताल पर थे। सरकार ने जौहरियों की मांग पर विचार के लिए पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। समिति अपनी रिपोर्ट 60 दिन में सौंपेगी।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़