आज के बाद बैंकों से नहीं बदल सकेंगे 2000 के नोट, RBI ने दी बड़ी जानकारी

2000 note
Creative Commons licenses
रितिका कमठान । Oct 7 2023 12:01PM

जानकारी के मुताबिक आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालय में 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा उपलब्ध होगी। वही जो लोग नोट बदलने इन क्षेत्रीय कार्यालय में नहीं जा पाएंगे वह डाक के जरिए नोट बदल सकेंगे। अब भी काफी मात्रा में दो हजार रुपये के नोट बाजार में चल रहे है।

केंद्र सरकार द्वारा दो हजार रुपये के नोट बंद किया जा चुके हैं। लेकिन अगर आपके पास अभी दो हजार रुपये का नोट है तो इसे बदलने और खाते में जमा करने का आज यानी 7 अक्टूबर को अंतिम मौका है। दो हजार रुपये के नोट अब 7 अक्टूबर के बाद बैंकों में बदले नहीं जाएंगे। दो हजार रुपये के नोटों को बैंकों में जवाब भी नहीं किया जा सकेगा।

जानकारी के मुताबिक आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालय में 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा उपलब्ध होगी। वही जो लोग नोट बदलने इन क्षेत्रीय कार्यालय में नहीं जा पाएंगे वह डाक के जरिए नोट बदल सकेंगे। अब भी काफी मात्रा में दो हजार रुपये के नोट बाजार में चल रहे है।

रिजर्व बैंक ने दी जानकारी

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कुछ समय पूर्व चलन से वापस लिए गए ₹2000 के नोट बैंकों में वापस आए हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 87% नोट जनता ने बैंकों में जमा करवा दिए हैं। वही शेष प्रतिशत को अन्य मूल्य के नोटों से बदल गया है। द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा के बाद संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि 19 मई, 2023 तक प्रचलन में मौजूद 2,000 रुपये के 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट में से 12,000 करोड़ रुपये अब भी वापस नहीं आए हैं। 

बता दें कि इससे पहले आरबीआई ने बीते शनिवार को जानकारी दी थी कि 29 सितंबर तक बैंकों के पास लगभग 3.42 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ गए है, जबकि 14,000 करोड़ रुपये के नोट अब भी वापस आने बाकी हैं। केंद्रीय बैंक ने नोट वापस करने की समयसीमा भी एक सप्ताह के लिए बढ़ाई थी। दास ने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य पर ‘‘दृढ़ता से’’ ध्यान देना चाहता है। जब तक मूल्यवृद्धि कम नहीं हो जाती, मौद्रिक नीति महंगाई को काबू में लाने पर काम करती रहेगी। 

दास ने कहा कि सरकार के बैंकर के रूप में आरबीआई को केंद्र सरकार के वित्त को लेकर कोई चिंता नहीं है। डिप्टी गवर्नर जे. स्वामीनाथन ने कहा कि 13-14 प्रतिशत की समग्र ऋण वृद्धि के मुकाबले 33 प्रतिशत की ‘‘बाहरी’’ ऋण वृद्धि ने आरबीआई को व्यक्तिगत ऋण के मुद्दे की ओर ध्यान देने और बैंकों को किसी भी जोखिम से बचने के लिए कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। दास ने निवेशकों से कहा कि वे ‘‘संकट की आशंकाओं का पता लगाए’’ और उचित कदम उठाएं। गवर्नर ने कहा कि यदि बिना ऑडिट वाले नतीजों को देखा जाए, तो जून तिमाही में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में सुधार हुआ है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़