पांच साल में भारत को वाहन उद्योग में नंबर एक बनाने का लक्ष्यः गडकरी

Nitin Gadkari
ANI

हर साल एक से डेढ़ अरब डॉलर जीएसटी और करीब 65 करोड़ डॉलर सीमा शुल्क राजस्व में योगदान देता है। यह क्षेत्र वर्ष 2030 तक 18-22 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है और इससे 65-75 लाख रोजगार सृजित होंगे।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में भारत के वाहन उद्योग को पूरी दुनिया में नंबर एक बनाना है।

गडकरी ने एक्सप्रेस इंडस्ट्री काउंसिल ऑफ इंडिया और केपीएमजी की एक संयुक्त रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि देश में एक्सप्रेस सेवा उद्योग का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में मंत्रालय का कार्यभार संभालते समय भारतीय वाहन उद्योग का आकार 7.5 लाख करोड़ रुपये था, जो आज बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो चुका है।

गडकरी ने कहा, मेरा इरादा भारत के वाहन उद्योग को अगले पांच साल में पूरी दुनिया में पहले नंबर पर पहुंचाना है। फिलहाल अमेरिका में वाहन उद्योग का आकार 78 लाख करोड़ रुपये और चीन में 47 लाख करोड़ रुपये है।

गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का है और इस लक्ष्य को हासिल करने में लॉजिस्टिक क्षेत्र अहम भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि हाल तक भारत में लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 16 प्रतिशत थी, लेकिन ‘आईआईएम-आईआईटी के संयुक्त सर्वे’ के अनुरूप इसे घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने इसे एक बड़ा मील का पत्थर बताते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य इस लागत को इकाई अंक में लेकर आने का है।

गडकरी ने लॉजिस्टिक लागत में आई कमी का श्रेय एक्सप्रेसवे और आर्थिक गलियारों में किए गए भारी निवेश को दिया। इस अवसर पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सप्रेस उद्योग हर साल एक से डेढ़ अरब डॉलर जीएसटी और करीब 65 करोड़ डॉलर सीमा शुल्क राजस्व में योगदान देता है। यह क्षेत्र वर्ष 2030 तक 18-22 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है और इससे 65-75 लाख रोजगार सृजित होंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


All the updates here:

अन्य न्यूज़