Amul ने दी जनता को राहत, अभी नहीं बढ़ेंगे दूध के दाम, MD ने दी जानकारी

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जीसीएमएमएफ खुदरा कीमतों का लगभग 80 प्रतिशत दुग्ध उत्पादककिसानों को देता है। दूध की बढ़ती मांग के बीच कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजस्व में 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ इसके 66,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 55,055 करोड़ रुपये का कारोबार किया जो एक साल पहले की तुलना में 18.5 प्रतिशत अधिक है।

नयी दिल्ली। अमूल ब्रांड के तहत दुग्ध उत्पाद बेचने वाली गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) की दूध के दाम बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने दूध की कीमत के बारे में पूछे जाने पर कहा, “फिलहाल हमारी कीमतें बढ़ाने की योजना नहीं है।” उन्होंने कहा कि एक साल में लागत मूल्य 15 प्रतिशत बढ़ गया है जिससे संघ को पिछले साल खुदरा मूल्य में कुछ बढ़ोत्तरी करनी पड़ी थी।

महीने की शुरुआत में ही अमूल दूध के दाम गुजरात में दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। इसके पहले देश के अन्य राज्यों में भी अमूल दूध के दाम फरवरी में दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। मेहता ने पीटीआई-से बातचीत में कहा कि जीसीएमएमएफ ने कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में कीमतें नहीं बढ़ाई थीं लेकिन पिछले साल कुछ मौकों पर कीमतें बढ़ाई गईं।

उन्होंने कहा कि जीसीएमएमएफ खुदरा कीमतों का लगभग 80 प्रतिशत दुग्ध उत्पादककिसानों को देता है। दूध की बढ़ती मांग के बीच कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजस्व में 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ इसके 66,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 55,055 करोड़ रुपये का कारोबार किया जो एक साल पहले की तुलना में 18.5 प्रतिशत अधिक है।

जीसीएमएमएफ ने कहा कि कोविड काल के बाद डेयरी उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई थी, जिससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी के राजस्व में एक मजबूत वृद्धि देखी। उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि सभी उत्पादों की बिक्री इसी रफ्तार से चलती रहेगी। मांग अब असंगठित क्षेत्र से संगठित कंपनियों की तरफ जा रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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