अस्थायी विचलन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है: जेटली

Arun Jaitley is improving after 'temporary deviation' in Indian economy

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट दूर हो गई है। अब इसने ऊपर की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।

सिंगापुर। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट दूर हो गई है। अब इसने ऊपर की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। हाल में किए गए ढांचागत सुधारों से आए ‘अस्थायी विचलन’ के बाद इसमें सुधार आ रहा है। मॉर्गन स्टेनली की वार्षिक बैठक में निवेशकों को संबोधित करते हुए जेटली ने यह बात कही। जेटली ‘ भारत : ढांचागत सुधार एवं आगे का विकास पथ’ विषय पर बोल रहे थे।

उन्होंने भारत में उठाए गए ‘व्यापक’ आर्थिक सुधारों के बारे में बात की। उन्होंने माना कि सरकार के ढांचागत सुधारों का परिणाम एक ‘अस्थायी विचलन’ के तौर पर सामने आया है। जेटली ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अर्थव्यवस्था अपने निचले स्तर को छू चुकी है और अब इसे ऊपर की ओर बढ़ना चाहिए। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी वृद्धि हो रही है।’’सम्मेलन के दौरान जेटली ने मॉर्गन स्टेनली के शीर्ष प्रबंधन के साथ मुलाकात की और प्रमुख संस्थागत वित्तीय निवेशकों और वरिष्ठ कोष प्रबंधकों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अर्थव्यवस्था को कैसे बढ़ते देखता हूं। हमारे आधार मानक स्थिर हैं। पिछले तीन साल में हमारी वृद्धि सात से आठ प्रतिशत रही है।’’ उन्होंने निवेशकों को भारत में मजबूत बैंकिंग क्षेत्र होने का भरोसा भी दिलाया। जेटली ने कहा, ‘‘सूचना प्रौद्योगिकी योजना और बड़े पैमाने पर हाल में बड़े स्तर पर की गई पुन:पूंजीकरण की घोषणा से इसे (अर्थव्यवस्था) तेजी मिलनी चाहिए।’’ इन दो कदमों से बैंकों की क्षमता में सुधार होगा और वह अपने अधिशेष को छोटे और मध्यम आकार के काराबारों को ऋण के रूप में दे सकेंगे जिन्हें इस कोष की जरूरत होती है। यही वह क्षेत्र है जो बड़े पैमाने पर नौकरियां पैदा करता है और भारतीय अर्थव्यवस्था को चलायमान रखता है।

वित्त मंत्री जेटली ने अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर बताए जाने वाले श्रमिक मुद्दों को स्पष्ट करते हुए कहा कि उद्योग गतिविधियों में अब व्यवधान (हड़ताल इत्यादि) वाला नकारात्मक माहौल बीते दिनों की बात हो चुकी है। उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठनों के साथ विचार विमर्श के लिए श्रम कानूनों को दुरुस्त किया जा रहा है। हालिया समय में चाहे विनिवेश हो या निजीकरण इसे लेकर कोई उल्लेखनीय श्रमिक विरोध देखने को नहीं मिला है।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक चिंता की बात है हमारा किसी श्रमिक संगठन विरोध से सामना नहीं हुआ है।’’ निवेशकों के सवालों का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण की प्रक्रिया में एयर इंडिया के विनिवेश की गतिविधियां उन्नत चरण में हैं। जबकि कुछ अन्य को वैसा ही रखा जाएगा जैसे वह हैं। तेल एवं बिजली क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को सरकारी नियंत्रण में ही रखा जाएगा। जेटली दो दिन की सिंगापुर यात्रा पर हैं। वह यहां सिंगापुर के मंत्रियों और निवेशकों के साथ बैठक कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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