Silicon Valley Bank के दिवालियेपन ने अटकायी Indian Startups कंपनियों की सांसें

Silicon Valley Bank
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अमेरिका की बैंकिंग प्रणाली में जनता का भरोसा मजबूत बनाए रखने और अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रक्षा करने के उद्देश्य से बाइडन प्रशासन ने घोषणा की है कि इस बैंक के जमाकर्ता आज से अपने धन का उपयोग कर सकेंगे।

अमेरिका के बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के दिवालिया होने से विश्व स्तर पर खलबली है। इस बीच दुनिया के नंबर वन अमीर एलन मस्क ने सिलिकॉन वैली बैंक को खरीदने का प्रस्ताव दिया है। खबर यह भी है कि जब सिलिकॉन वैली बैंक दिवालिया हो रहा था उससे ठीक एक सप्ताह पहले इसके चेयरमैन लंदन में सर्वश्रेष्ठ बैंकर का पुरस्कार ले रहे थे। बताया जा रहा है कि सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से भारतीय स्टार्टअप कंपनियों की लाखों डॉलरों की रकम फंस गयी है।

इस बीच, अमेरिका की बैंकिंग प्रणाली में जनता का भरोसा मजबूत बनाए रखने और अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रक्षा करने के उद्देश्य से बाइडन प्रशासन ने घोषणा की है कि इस बैंक के जमाकर्ता सोमवार से अपने धन का उपयोग कर सकेंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) और केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की अनुशंसा मिलने तथा राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ हुए विचार-विमर्श के बाद वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने रविवार को बैंक का समाधान पूरा करने, साथ ही जमाकर्ताओं के हितों की पूरी तरह से रक्षा करने के लिए एफडीआईसी को कदम उठाने की मंजूरी दे दी है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका के 16वें सबसे बड़े बैंक कैलिफोर्निया स्थित सिलिकॉन वैली बैंक को कैलिफोर्निया के वित्तीय सुरक्षा एवं नवोन्मेष विभाग ने शुक्रवार को बंद कर दिया था। उसने एफडीआईसी को बैंक का समाधानकर्ता नियुक्त किया है। बैंक तब संकट में फंस गया जब वेंचर कैपिटल कंपनियों और उनके द्वारा समर्थित कंपनियों समेत उसके ग्राहकों ने अपनी जमा राशि निकालनी शुरू कर दी। अमेरिका के वित्त मंत्रालय, फेडरल रिजर्व और एफडीआईसी की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘बैंक के जमाकर्ता सोमवार, 13 मार्च से अपने पूरे धन का उपयोग कर सकेंगे। सिलिकॉन वैली बैंक के समाधान से जुड़े नुकसान का भार करदाताओं को नहीं उठाना होगा।’’ बयान में, न्यूयॉर्क के सिग्नेचर बैंक के लिए भी इसी तरह के व्यवस्थित जोखिम अपवाद की घोषणा की गई है। इस बैंक को सोमवार को बंद कर दिया गया।

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अमेरिकी वित्त मंत्री की सफाई

इसके अलावा, अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा है कि सरकार सिलिकॉन वैली बैंक को कोई राहत नहीं देगी। उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार अपने धन को लेकर चिंतित जमाकर्ताओं की मदद करने के लिए प्रयासरत है। हम आपको बता दें कि फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन 250,000 डालर तक की जमा राशि का बीमा करता है, लेकिन कई कंपनियों और धनी लोगों के बैंक खातों में इससे ज्यादा राशि है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि देशभर में कुछ कर्मियों को उनका वेतन नहीं मिलेगा। अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने सीबीएस के कार्यक्रम 'फेस द नेशन' के साथ एक साक्षात्कार में जोर देकर कहा कि यह स्थिति लगभग 15 साल पहले के वित्तीय संकट से बहुत अलग है, जब उद्योग को बचाने के लिए बैंक को राहत दी गई थी। उन्होंने कहा, “अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली वास्तव में बहुत सुरक्षित और अच्छी तरह पूंजीकृत है। यह लचीली है।” हम आपको बता दें कि सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है। अमेरिकी इतिहास में साल 2008 में वाशिंगटन म्यूचुअल के बाद यह सबसे बड़ी बैंक असफलता है। यह बैंक ज्यादातर प्रौद्योगिकी कंपनियों और स्टार्टअप को अपनी सेवाएं देता है।

विकराल मुश्किलें

इस बीच, अमेरिकी सरकार के पास दायर एक याचिका में वाई कॉम्बिनेटर ने कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक में जमा खाता रखने वाले लगभग 10,000 छोटे उद्यम अगले 30 दिन तक अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएंगे। स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाली कंपनी ने कहा कि इस बैंक संकट से लगभग एक लाख नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं। दूसरी ओर, भारत में एक विविध गेमिंग और खेल मीडिया मंच नजारा टेक्नोलॉजीज ने कहा कि उसकी सहायक कंपनी की एक सहयोगी इकाई का लगभग 64 करोड़ रुपया सिलिकॉन वैली बैंक में जमा है।

भारत सरकार सतर्क

इस बीच, खबर है कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर प्रौद्योगिकी स्टार्टअप परिवेश से करीब से जुड़े सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के असर का पता लगाने के लिए इस हफ्ते स्टार्टअप क्षेत्र के लोगों से मुलाकात करेंगे। चंद्रशेखर ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘एसवीबी का बंद होना निश्चित ही दुनियाभर के स्टार्टअप के लिए परेशानी पैदा करने वाला होगा। स्टार्टअप न्यूइंडिया अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसके असर का आकलन करने के लिए मैं इस हफ्ते भारतीय स्टार्टअप के लोगों से मुलाकात करूंगा और यह पता लगाने का प्रयास करूंगा कि नरेंद्र मोदी सरकार संकट के इस समय में उनकी किस तरह मदद कर सकती है।’’ माना जा रहा है कि सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने से अमेरिका में काम करने वाले सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता ज्यादातर भारतीय स्टार्टअप और इनक्यूबेटर वाई कॉम्बिनेटर से जुड़ी कंपनियां प्रभावित होंगी। हालांकि उद्योग जगत लोगों एवं विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि यह प्रभाव लंबा नहीं टिकेगा।

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