बिल्डरों से कानून का पालन बराबर कराते रहना बड़ी चुनौती: महाराष्ट्र रेरा के प्रमुख

महाराष्ट्र रेरा के चेयरमैन गौतम चटर्जी ने आवास क्षेत्र के नये कानून के एक साल की अवधि पर संतोष जाहिर किया है और साथ में यह भी कहा है कि बिल्डरों से कानून का पालन कराते रहना सबसे बड़ी चुनौती है।
मुंबई। महाराष्ट्र रेरा के चेयरमैन गौतम चटर्जी ने आवास क्षेत्र के नये कानून के एक साल की अवधि पर संतोष जाहिर किया है और साथ में यह भी कहा है कि बिल्डरों से कानून का पालन कराते रहना सबसे बड़ी चुनौती है। रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) प्राधिकरण अधिनियम (रेरा) के क्रियान्वयन के एक साल पूरे होने वाले हैं। महाराष्ट्र ने इसे पिछले साल एक मई को लागू कर ऐसा करने वाला पहले राज्य था।
चटर्जी ने सप्ताहांत पर पीटीआई दिये साक्षात्कार में कहा, ‘रेरा को अमल में लाने वाला पहला राज्य होने के नाते पहला साल सफलता से पूरा करना संतोषजनक है। हालांकि इसके साथ ही बिल्डरों से कानून का पालन सुनिश्चित कराते रहने समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां हमें कमियों को दूर करना होगा।’ उन्होंने कहा कि इस अधिनियम से ऐसी चुनौतियां सामने आयी हैं जो काफी गंभीर हैं तथा उनसे सभी हितधारकों को निपटना होगा।
उन्होंने कहा कि करीब 13 हजार परियोजनाएं एक मई से पंजीकृत हो चुकी हैं और लगभग 11 हजार पहले 90 दिन के भीतर खुद ही ऑनलाइन हो चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘अभी इस बात से संतोष है कि बिल्डर कानून के प्रावधानों का पालन कर रहे हैं जो इस अधिनियम का आधारभूत सिद्धांत है तथा हमारे लिए मुख्य चुनौती है।’ चटर्जी ने कहा, ‘इस संतोष के साथ चुनौतियां भी सामने आयी हैं। अधिक परियोजनाएं आने का मतलब काम का दबाव बढ़ना है। हमें अब यह देखना होगा कि ये परियोजनाएं समयसीमा के भीतर पूरा हो जाएं। ऐसा नहीं होने के काफी बुरे परिणाम होंगे।’
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