बायोगैस एसोसिएशन ने सरकार से ‘बायोगैस उर्वरक कोष’ बनाने का आग्रह किया

Biogas

इंडियन बायोगैस एसोसिशन (आईबीए) ने सरकार से पांच साल के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये के आरंभिक प्रावधान के साथ ‘बायोगैस उर्वरक कोष’ स्थापित करने का अनुरोध किया है। संगठन ने कहा है कि इससे पांच करोड़ किसानों को लाभ पहुंचेगा तथा कच्चे तेल के आयात पर होने वाला खर्च भी कम होगा।

नयी दिल्ली। इंडियन बायोगैस एसोसिशन (आईबीए) ने सरकार से पांच साल के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये के आरंभिक प्रावधान के साथ ‘बायोगैस उर्वरक कोष’ स्थापित करने का अनुरोध किया है। संगठन ने कहा है कि इससे पांच करोड़ किसानों को लाभ पहुंचेगा तथा कच्चे तेल के आयात पर होने वाला खर्च भी कम होगा। आईबीए ने एक बयान में कहा कि किफायती परिवहन के लिए टिकाऊ विकल्प (एसएटीएटी) योजना के तहत पांच हजार संयंत्रों के लक्ष्य को पूरा करने में इस तरह के कोष की स्थापना स्वागत योग्य कदम होगा।

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संगठन के अध्यक्ष ए आर शुक्ला ने कहा, ‘‘सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में लगातार बात कर रही है। इस योजना से पांच करोड़ किसानों को फायदा पहुंचेगा। यह कोष बनने पर भारत जीवाश्म ईंधन का आयात कम कर सकेगा और किसानों को भी जैविक उर्वरक मिल सकेगा।’’ बायोगैस एसोसिशन ने शहरों में गैस वितरण नेटवर्क और प्राकृतिक गैस पाइपलाइन में बायोमीथेन (सीबीजी) के मिश्रण के लिए मात्रा को परिभाषित करने का भी सुझाव दिया है।

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उसने कहा कि पहले पांच साल के लिए 5 प्रतिशत का एक अस्थायी मिश्रण कोटा तय किया जा सकता है। उसके बाद 10 साल में इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जा सकता है। आईबीए ने कहा कि जीएसटी परिषद ने बायोगैस संयंत्र से संबंधित उपकरण और उनके पुर्जों पर जीएसटी की दर पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने की घोषणा की जिससे बायोगैस के उत्पादकों के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण हो जाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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