ब्रिक्स की आकस्मिक विदेशी-मुद्रा कोष व्यवस्था चालू: जेटली

[email protected] । Oct 7 2016 4:19PM

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ब्रिक्स आकस्मिक विदेशी-मुद्रा कोष व्यवस्था (कन्टिनजेन्ट रिजर्व एरेंजमेंट- सीआरए) अब परिचालन में आ गयी है।

वाशिंगटन। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ब्रिक्स आकस्मिक विदेशी-मुद्रा कोष व्यवस्था (कन्टिनजेन्ट रिजर्व एरेंजमेंट- सीआरए) अब परिचालन में आ गयी है। यह व्यवस्था ब्रिक्स के किसी सदस्य देश के समझ अल्पकालिक विदेशी-विनिमय संकट से निपटने के लिए आपस में सहयोग के लिए है। ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका) ने 2015 में सीआरए का गठन किया था। यह वास्तविक और संभावित अल्पकालीन विदेशी विनिमय असंतुलन संतुलन के दबाव से निपटने के लिये नकदी या अन्य एहतियाती साधनों के जरिये सहयोग का समझौता है।

एक विज्ञप्ति के अनुसार ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के प्रमुखों की बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने घोषणा की कि सीआरए अब परिचालन में आ गया है और समूह के सदस्य देश सौदे को अंजाम देने के लिये पूरी तरह तैयार हैं। जेटली और अन्य ब्रिक्स सदस्य देशों के वित्त मंत्री यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक की सालाना बैठक में भाग लेने के लिये यहां आये हुए हैं। ब्रिक्स देशों के मंत्रियों ने गुरुवार की बैठक के दौरान ब्रिक्स देशों के केंद्रीय बैंकों की शोध इकाइयों के बीच नेटवर्क के औपचारिक गठन के प्रस्ताव का स्वागत किया। यह नेटवर्क सीआरए के कामकाज में सहायक होगा। जेटली ने ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की इस महीने गोवा में होने वाली बैठक के लिये न्यौता दिया। उन्होंने राष्ट्रमंडल वित्त मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की। ‘कॉमनवेल्थ कान्वर्सेशन एराउंड द पनाम पेपर्स’ के दौरान दो महत्वपूर्ण मुद्दों- जलवायु परिवर्तन का अर्थशास्त्र तथा जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सीमति करने के मुद्दों तथा अंतरराष्ट्रीय कराधान पर चर्चा हुई। जेटली की मौजूदगी में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और बैंक आफ बड़ौदा ने ‘कॉमनवेल्थ स्माल स्टेट्स ट्रेड फाइनेंस फैसिलिटी’ को लेकर सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत किये।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार स्वैच्छिक योगदान के तहत भारत ने राष्ट्रमंडल कोष को तकनीकी सहायता के लिए 1,022,100 पौंड का धन देने का संकल्प जताया है। बाद में शाम में वित्त मंत्री जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की रात्रि भोज पर हुई बातचीत में शामिल हुए। इस दौरान वैश्विक परिदृश्य, वैश्विक एवं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष प्रमुख जोखिम और वैश्विक मंच तथा बेहिसाब धन पर रोक के मामले में किसी सम्पत्ति के वास्तविक लाभ प्राप्तकर्ता से संबंधित संबंधी नियमों के क्रियान्वयन में सुधार के लिये वित्तीय कार्यवाही कार्य बल के प्रस्तावों पर चर्चा की गयी। जेटली ने ब्रिटेन के विदेशी मंत्री, अमेरिकी के वित्त मंत्री, भूटान के वित्त मंत्री, बांग्लादेश के वित्त मंत्री तथा जापान बैंक फार इंटरनेशनल को-अपरेशन के सीईओ से अलग से द्विपक्षीय बैठकें की।

विज्ञप्ति के अनुसार इन बैठकों में आर्थिक सहयोग मजबूत बनाने के लिये द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध मुख्य बिंदु थे। इस दौरान आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने मोर्गन स्टेनले द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने भारत में राजाकोषीय मजबूती और आर्थिक सुधारों की दिशा में उठाये गये कदमों को जिक्र किया।

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