क्लियरटैक्स ने GSP लाइसेंस हासिल कर GST कम्प्लायंस में अपनी स्थिति को मजबूती दी

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[email protected] । Dec 14 2019 5:34PM

डेफमैक्रो सॉफ्टवेयर के स्वामित्व वाले भारत के नंबर एक टैक्स और निवेश प्लेटफार्म क्लियरटैक्स को जीएसटी के तकनीकी ढांचे के कार्यान्वयन का प्रबंधन करने वाले जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुविधा प्रोवाइडर (जीएसपी) के तौर पर चुना है। नए जीएसटी रिटर्न के लॉन्च के साथ इस प्लेटफ़ॉर्म से यूजर्स और उनकी उम्मीदें बढ़ने वाली हैं।

दिल्ली। डेफमैक्रो सॉफ्टवेयर के स्वामित्व वाले भारत के नंबर एक टैक्स और निवेश प्लेटफार्म क्लियरटैक्स को जीएसटी के तकनीकी ढांचे के कार्यान्वयन का प्रबंधन करने वाले जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुविधा प्रोवाइडर (जीएसपी) के तौर पर चुना है। यह एक कठोर चयन प्रक्रिया के बाद किया गया है, जिसमें नई जीएसटी व्यवस्था में करदाताओं को जीएसटी कम्प्लांट बनने के लिए आवश्यक सेवाएं देने के लिए वित्तीय और आईटी क्षमता का मूल्यांकन शामिल था।

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जीएसपी चालान अपलोड करने और रिटर्न दाखिल करने के लिए एपीआई तक पहुंच प्रदान कर करदाताओं को जीएसटी और ई-वे बिल नेटवर्क के लिए प्रवेश द्वार खोलता है। क्लियरटैक्स का जीएसटी व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है। पहले ही यह 6 लाख व्यवसायों, 1000 से अधिक बड़े उद्यमों और 60 हजार सीए को सभी आकारों के व्यवसायों के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में मदद कर रहा है।

नए जीएसटी रिटर्न के लॉन्च के साथ इस प्लेटफ़ॉर्म से यूजर्स और उनकी उम्मीदें बढ़ने वाली हैं। इसके अलावा 36 (ए) जैसे नए नियमों की शुरूआत जो इनपुट टैक्स के दावों को योग्य राशि के 20% तक सीमित करती है और यह व्यावहारिक रूप से जीएसटी 2.0 व्यवस्था की शुरुआत करती है। जीएसटीएन ने एक अनिवार्य ई-चालान व्यवस्था शुरू करने की इच्छा जताई है जो टेक्नोलॉजी-फर्स्ट समाधान की आवश्यकता को और अधिक बढ़ाएगा। 

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जीएसपी लाइसेंस क्लियरटैक्स प्लेटफॉर्म को इन-हाउसमें टेक्नोलॉजी परत चढ़ाने और अपने ग्राहकों को गति व विश्वसनीयता प्रदान करने वाले बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में सक्षम बनाएगा। इस ढांचे का इस्तेमाल करने वालों में सीए फर्म, बड़े उद्यम और एसएमई शामिल हैं। इसके अलावा क्लियरटैक्स अपने दम पर किसी भी व्यवसाय को रिटर्न दाखिल करने के लिए इंटेलिजेंट एपीआई की सुविधा देने की योजना पर काम रहा है और किसी भी डेवलपर को अन्य जीएसटी एप्लिकेशंस बनाने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करता है। क्लियरटैक्स इंटेलिजेंट एपीआई सॉल्युशन किसी भी ईआरपी, पीओएस या अन्य प्लेटफार्मों को अपने ग्राहकों के लिए बेस्ट-इन-क्लास टैक्स समाधान प्रदान करने की अनुमति देगा।

क्लियरटैक्स के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा, “हम अपने वर्तमान एप्लिकेशन सर्विस प्रोवाइडर (एएसपी) के कारोबार में जीएसपी लाइसेंस जुड़ने को लेकर बेहद खुश हैं। इससे हम कंपनी के भविष्य के विकास के लिए खुद को बेहतर तरीके से तैयार कर सकेंगे। यह अवसर प्रदान करने के लिए हम  जीएसटीएन को धन्यवाद देना चाहते हैं जो सभी भारतीयों के वित्तीय जीवन को आसान बनाने के हमारे मिशन को पूरा करने में मदद करेगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए जीएसटीएन के साथ काम करना जारी रखेंगे कि टेक्नोलॉजिकल जटिलता किसी भी व्यवसाय के लिए कम्प्लायंस में अवरोध न डाले।”

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क्लियरटैक्स के बारे में  

क्लियरटैक्स का मिशन भारतीयों के वित्तीय जीवन को सरल बनाना है। हम एक फाइनेंशियल-टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म कंपनी हैं जो टैक्स फाइलिंग, टैक्सक्लाउड, टीडीएस रिटर्न, जीएसटी, म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट और सीए एंड लीगल सर्विसेस सहित सॉफ्टवेयर और सेवाएं प्रदान करते हैं। यह आम लोगों को व्यक्तिगत, एकाउंटेंट और एमएसएमई को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इनका उद्देश्य उनके वित्तीय उलझनों को कम करना और वित्तीय जीवन को आसान बनाना है।

हमारे प्लेटफॉर्म ने 5 मिलियन से अधिक भारतीय करदाताओं को अपने टैक्स रिटर्न ई-फाइल करने, लगभग 6 लाख व्यवसायों, 60000 सीए और टैक्स पेशेवरों को सेवाएं प्रदान की है, और 1,000 से अधिक बड़े उद्यमों ने जीएसटी-कम्प्लायंस बिलिंग और रिटर्न दाखिल करने के लिए हमारे जीएसटी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया है। क्लियरटैक्स ने शुरुआत से अब तक $65 मिलियन इक्विटी पूंजी जुटाई है। कंपनी को वाई कॉम्बीनेटर में इनक्यूबेट किया गया था और इसे सिलिकॉन वैली के निवेशकों ने फंडिंग की है। इनमें पेपाल के सह-संस्थापक पीटर थिएल का फाउंडर्स फंड, मैक्स लेविचिन और स्कॉट बैनिस्टर शामिल हैं। क्लियरटैक्स के निवेशकों में कम्पोजिट कैपिटल, सिकोइया कैपिटल और सैफ पार्टनर्स शामिल हैं।

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