कोयला घोटाला: दोनों रूंगटा को चार-चार साल की कैद
दिल्ली की विशेष अदालत ने कोयला ब्लाक आबंटन घोटाला मामले में झारखंड इस्पात प्राइवेट लि. (जेआईपीएल) के निदेशक आरसी रूंगटा तथा आरएस रूंगटा को चार साल की कैद की सजा सुनायी है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने इस घोटले से जुड़े किसी मामले में पहली सजा सुनाते हुए प्रत्येक दोषियों पर पांच-पांच लाख रपये का जुर्माना भी लगाया है। सभी आरोपी झारखंड में कोयला ब्लाक हासिल करने के लिये सरकार के साथ धोखाधड़ी करने के दोषी करार दिये गये हैं। आरसी और आर एस रूंगटा के अलावा अदालत ने मामले में दोषी जेआईपीएल पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोयला घोटाले से जुड़े विभिन्न मामलों में यह पहला प्रकरण है जिसमें दोनों रूंगटा और जेआईपीएल को दोषी ठहराया गया और सजा सुनायी गयी। अदालत ने 28 मार्च को अपने फैसले में कहा कि आरोपियों ने झारखंड में कंपनी को उत्तरी धादू कोयला ब्लाक आबंटित करवाने में धोखाधड़ी की और बेईमानी के इरादे से सरकार को धोखा दिया।
मामला 27वीं तथा 30वीं जांच समिति द्वारा उत्तरी धादू कोयला ब्लाक संयुक्त रूप से जेआईपीएल तथा तीन अन्य कंपनियों मेसर्स इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लि., मेसर्स आधुनिक एलॉयज एंड पावर लि. तथा मेसर्स पवनजय स्टील एंड पावर लि. को आबंटित किये जाने में कथित अनियमितता से जुड़ा है।
इससे पहले, अदालत दो अन्य आरोपियों रामअवतार केडिया तथा नरेश महतो को भी जेआईपीएल तथा दोनों रूंगटा को तलब किया था।लेकिन बाद में अदालत को सूचित किया गया कि केडिया तथा महतो का निधन हो गया है। उसके बाद उनके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गयी। कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले में सीबीआई द्वारा जांच किये गये 19 अन्य मामले अदालत के समक्ष लंबित हैं। इस अदालत का गठन विशेष रूप से कोयला घोटाला मामले की सुनवाई के लिये किया गया है। इसके अलावा ईडी द्वारा जांच किये गये दो मामले भी अदालत के समक्ष लंबित हैं।
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