Credit-Debit Card फ्रॉड करना इतना आसान नहीं रह जाएगा, आपका आधार इसमें अहम रोल निभाएगा

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Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Feb 9 2024 4:30PM

ब डेबिट और क्रेडिट कॉर्ड से होने वाले फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और मजबूत करने की तैयारी में है। आरबीआई ने प्रस्ताव दिया है कि आधार इनबिल्ड पेमेंट सिस्टम सर्विस प्रोवाइडर की ऑनबोर्डिंग को व्यवस्थित किया जाए और अतिरिक्त धोखाधड़ी रोकथाम उपाय पेश किए जाए।

क्रेडिट कार्ड का चलन इन दिनों काफी बढ़ गया है। इसके पीछे एक कारण भी है। बैंकिंग फ्रॉड में आपके रियल अकाउंट से पैसे चले जाते हैं। पैसे काफी मुश्किल और समय लग जाने के बाद ही पैसे वापस मिल पाते हैं या फिर नहीं मिलते हैं। वहीं क्रेडिट कार्ड में ये जोखिम बहुत कम होता है। अगर आप समय पर फ्रॉड की सूचना बैंक को दे देते हैं या क्रेडिट कार्ड इशू करने वाली कंपनी को दे देते हैं तो मामले की जांच पर सही पाए जाने की स्थिति में आपको कुछ भी भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है। इन सब के बावजूद लोग क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। लेकिन अब डेबिट और क्रेडिट कॉर्ड से होने वाले फ्रॉड पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और मजबूत करने की तैयारी में है। आरबीआई ने प्रस्ताव दिया है कि आधार इनबिल्ड पेमेंट सिस्टम सर्विस प्रोवाइडर की ऑनबोर्डिंग को व्यवस्थित किया जाए और अतिरिक्त धोखाधड़ी रोकथाम उपाय पेश किए जाए।

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क्या है आधार इनबिल्ड पेमेंट सिस्टम

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) सेवा प्रदाताओं को शामिल करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और अतिरिक्त धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन उपाय पेश करने का प्रस्ताव करते हैं। आधार-सक्षम भुगतान सेवाएँ (एईपीएस) एक बैंक-आधारित मॉडल है जो आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके किसी भी बैंक के व्यवसाय संवाददाता के माध्यम से प्वाइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और माइक्रो एटीएम पर ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन की अनुमति देता है। यह ओटीपी, बैंक खाता विवरण और अन्य वित्तीय विवरण की आवश्यकता को हटा देता है।

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पेमेंट इकोसिस्टम

हालाँकि आरबीआई ने कोई विशेष एएफए निर्धारित नहीं किया है, लेकिन भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र ने बड़े पैमाने पर एसएमएस-आधारित वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) को अपनाया है। प्रौद्योगिकी में नवाचारों के साथ, हाल के वर्षों में वैकल्पिक प्रमाणीकरण तंत्र उभरे हैं। आरबीआई गवर्नर ने गुरुवार को कहा डिजिटल सुरक्षा के लिए ऐसे तंत्रों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए, डिजिटल भुगतान लेनदेन के प्रमाणीकरण के लिए एक सिद्धांत-आधारित रूपरेखा अपनाने का प्रस्ताव है। इस संबंध में निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। एनपीसीआई द्वारा संचालित आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) ग्राहकों को सहायता प्राप्त मोड में डिजिटल भुगतान लेनदेन करने में सक्षम बनाती है। 2023 में 37 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं ने AePS लेनदेन किया, जो वित्तीय समावेशन में AePS द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की ओर इशारा करता है। 

धोखाधड़ी पर लगाम

दिसंबर 2023 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने घोटालेबाजों को अपने बैंक खाते खाली करने के लिए ग्राहकों की साख का दुरुपयोग करने से रोकने के लिए कदम उठाए। भुगतान निकाय ने अधिग्रहणकर्ता बैंकों से व्यापार संवाददाताओं (बीसी) और एजेंटों के आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के बाद ही इंटरऑपरेबल एईपीएस (आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली) नकद निकासी लेनदेन की अनुमति देने के लिए कहा। कुल मिलाकर पूरा निचोड़ ये है कि आरबीआई की नई घोषणाओं का उद्देश्य भविष्य में भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को उभरते जोखिमों से बचाना है।  

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