नोटबंदी और जीएसटी से बढ़ेगा कर आधारः वित्त मंत्री

DeMo, GST to widen tax base, make cash dealing difficult: FM
[email protected] । Jul 22 2017 4:49PM

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) से नकद लेन-देन करना मुश्किल होगा जिसके परिणामस्वरूप कर अनुपालन बेहतर होगा और कर आधार बढ़ेगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) से नकद लेन-देन करना मुश्किल होगा जिसके परिणामस्वरूप कर अनुपालन बेहतर होगा और कर आधार बढ़ेगा। जेटली ने कहा कि सरकार विदेशों में कालाधन रखने और देश के अंदर कालाधन में धंधा करने वालों तथा मुखौटा कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए कानून लेकर आयी है। मंत्री ने कहा कि देश ने कर अनुपालन नहीं होने के ढेरों मामलों और बड़े पैमाने पर व्यवस्था के बाहर होने वाले लेन-देन जैसे भारतीय चलनों का समाधान ढूंढ लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस स्थिति से निबटने करीब करीब बेबसी सी नजर आती रही है। हर साल वित्त विधेयक के मार्फत हम कुछ बदलावों की घोषणा करते थे जिसका बहुत ही आंशिक असर होता था। मैं समझता हूं कि इन आंशिक बदलावों का स्थायी असर कोई बहुत बड़ा नहीं था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, एक बड़ा बदलाव लाने के लिए कई कदम उठाये जाने थे। संपूर्णता में देखने पर हम पाते हैं कि इस सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का दीर्घकालिक प्रभाव होगा तथा इसके पीछे व्यापक नैतिक औचित्य होगा।’’ जेटली ने कहा, ‘‘नोटबंदी और जीएसटी व्यवस्था, जो नकदी सृजन को मुश्किल बनाएगी, का शुद्ध प्रभाव व्यापक कर पालन एवं वृहद डिजीटलीकरण के रूप में सामने होगा। व्यापक डिजीटलीकरण, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कराधार के विस्तार के शुरूआती संकेत पहले ही नजर आने लगे हैं।’’ वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित दिल्ली इकोनोमिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुये जेटली ने कहा कि इस सरकार ने जो पहला कदम उठाया, जिसने व्यवस्था को झकझोर दिया, वह उन लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई थी जिन्होंने विदेश में अपना धन छिपा रखा है।

जेटली ने कहा कि भ्रष्टाचार का एक सबसे आसान तरीका हमेशा ही खोखा कंपनियों का गठन रहा है, कई स्तरों पर कंपनियों का गठन करके यह किया जाता रहा है। मंत्री ने कहा, ‘‘यह करीब करीब एक प्रकार का आम ढर्रा बन गया था और इसका इस्तेमाल न केवल कारोबारी करते थे बल्कि नेता और नौकरशाह अपनी भ्रष्ट कमाई को घुमाफिरा कर इस्तेमाल करने के सिलसिले में करते थे।’’ जेटली ने कहा कि न केवल ऐसी संपत्तियों का पता लगाने बल्कि सरकार द्वारा बेनामी कानून के मार्फत इस तरह की संपत्तियों को जब्त कर लेने का फैसला एक बड़ा प्रतिरोधक कदम बनने जा रहा है और राजस्व विभाग ने पहले ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुखौटा कंपनियों के मार्फत धन को घुमाफिरा कर कारोबार करने का चलन जितना जल्द ध्वस्त होगा, मैं समझता हूं कि यह इस देश की औपचारिक अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही अच्छा होगा।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि संशोधित बेनामी कानून उन लोगों के अंदर डर पैदा कर रहा है जो कर चोरी वाला धन या भ्रष्ट कमाई को बाहर भेजने और फिर उसे देश के तंत्र में लाने के लिए इस प्रक्रिया का इस्तेमाल बड़ी आसानी से करते थे। उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है तथा इससे जीडीपी वृद्धि को रफ्तार मिलने, मूल्य श्रृंखला में हर विनिमय में कर चोरी को डिजिटल तरीके से पकड़ने में मदद मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने के फैसले से 15 लाख करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोटों को तंत्र से बाहर कर दिया गया और इस कदम का लक्ष्य कालेधन रखने वालों पर सख्त कदम उठाना था। नोटबंदी के बाद सरकार ने डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

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