देश में 2023 में मिला-जुला रहेगा रोजगार परिदृश्य, कुशल कर्मचारियों पर रहेगा जोर

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विशेषज्ञों का अनुमान है कि कुछ समय के लिए अवसर के अच्छे मौके मिल सकते हैं और कंपनियां काम एवं जिंदगी की एकीकृत संस्कृति,अच्छी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने, कौशल में वृद्धि करने और लचीली कार्य व्यवस्था प्रदान करने पर ध्यान दे सकती हैं।

विश्व स्तर पर आर्थिक अस्थिरता का दौर होने से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हाल के तनावग्रस्त महीनों और नौकरियों में कटौती के बाद आने वाला वर्ष रोजगार की संभावना तलाश रहे लोगों के लिए कई अवसर लेकर आ सकता है। ऐसा अनुमान है कि दूरसंचार और सेवा क्षेत्र में भर्तियों में तेजी आ सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि कुछ समय के लिए अवसर के अच्छे मौके मिल सकते हैं और कंपनियां काम एवं जिंदगी की एकीकृत संस्कृति,अच्छी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने, कौशल में वृद्धि करने और लचीली कार्य व्यवस्था प्रदान करने पर ध्यान दे सकती हैं।

उनका कहना है कि 2023 में भर्तियों का रूझान प्रमुख रूप से ऐसा होगा कि कंपनियां कुशल कर्मियों को आंतरिक रूप से इधर-उधर करने पर ध्यान देगी। जॉब पोर्टल और कर्मचारी उपलब्ध करवाने वाली कंपनियों का कहना है कि भारतीय रोजगार बाजार के लिए अगला वर्ष मिला-जुला रहने वाला है। उनके मुताबिक, तकनीकी क्षेत्रों में भर्तियों में नरमी के बीच गैर-तकनीकी क्षेत्रों विशेषकर दूरसंचार और सेवा क्षेत्रों में भर्तियों में तेजी आई और 2023 में भी भर्तियों के परिदृश्य में इन क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

रोजगार सेवा कंपनी टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के सेवा क्षेत्र में भर्ती परिदृश्य मार्च तिमाही में भी मजबूत बना हुआ है। सोसाइटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) (भारत, एपीएसी एवं एमईएनए) में मुख्य कार्यपालक अधिकारी आचल खन्ना ने कहा, ‘‘पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस वर्ष प्रौद्योगिकी उद्योग में भर्ती गतिविधियां 18 फीसदी कम (नौकरी अध्ययन) है। ऐसे में नए साल में और झटके लगने की आशंका नहीं है क्योंकि संगठन अहम फैसले पहले ही ले चुके हैं।

भारतीय रोजगार बाजार विशेषकर आईटी सेवा क्षेत्र कुछ संकट से गुजर रहा है क्योंकि मेटा, ट्विटर, माइक्रोसॉफ्ट, स्नैपचैट और कई अन्य प्रौद्योगिकी कंपनियों ने मंदी की आशंका के बीच नौकरियों में बड़े पैमाने पर कटौती की घोषणा की है। आईटी क्षेत्र के अब धीमी गति से आगे बढ़ते रहने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सीमित भर्तियां होंगी और कंपनियां मौजूदा कार्यबल को और कुशल बनाने पर ध्यान देंगी।

टीमलीज सर्विसेज में मुख्य व्यापार अधिकारी मयूर ताडे ने कहा, ‘‘नौकरियों में बड़े पैमाने पर कटौती, भर्तियों पर रोक और मंदी की आशंका समेत वैश्विक उथल-पुथल की वजह से दुनिया भर में सेवा क्षेत्र विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि भारत में धारणा सकारात्मक बनी हुई है और 77 फीसदी नियोक्ताओं ने भर्तियों के अच्छे परिदृश्य के संकेत दिए हैं। खन्ना ने कहा कि पूंजीगत व्यय में तेज वृद्धि के जरिए सर्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों से 2023 में भी वृद्धि की गति बनी रहने का अनुमान है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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