हमारे बजट दस्तावेज के आधार पर अपने घोषणा पत्र बनाएंगे राजनीतिक दल : Gehlot

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के वित्तीय प्रबंधन को शानदार बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा उनके बजट की चर्चा पूरे देश में हो रही है और आगे जहां भी चुनाव होंगे वहां सभी राजनीतिक दल इस बजट दस्तावेज को आधार बनाकर अपना घोषणा पत्र (मेनिफेस्टो) तैयार करेंगे। गहलोत ने राज्य विधानसभा में 2023-24 के बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्र सरकार पर राज्य सरकारों से भेदभाव करने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने गत सप्ताह पेश अपने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा, जिस प्रकार का बजट दिया गया है उसकी चर्चा न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में हो रही है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मैं बजट के दस्तावेज को सभी मुख्यमंत्रियों को भेज रहा हूं और मेरा मानना है कि आगे जहां जहां चुनाव होंगे वहां वहां पर सभी राजनीतिक पार्टियां हमारे बजट के दस्तावेज को आधार बनाकर अपने चुनावी घोषणा पत्र बनाएंगी। गहलोत ने कहा कि उन्होंने बहुत शानदार, समग्र विकास वाला बजट पेश किया गया है।
उन्होंने कहा, हमारा वित्तीय प्रबंधन शानदार रहा है। उसी कारण हम लोग हर पैरामीटर में कामयाब रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन से बजट 2023-24 में युवा, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, सड़क, सामाजिक सुरक्षा, पेंशनधारियों सहित हर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए घोषणाएं की गई हैं और सभी घोषणाएं निश्चित रूप से धरातल पर उतरेगी। गहलोत ने कहा कि हमारे वित्तीय प्रबंधन से ही राजस्थान देश में जीडीपी की विकास दर में भी दूसरे स्थान पर आ गया है। बजट चर्चा का जवाब देते हुए गहलोत ने आगामी वर्ष में एक लाख और भर्तियों की भी घोषणा की।
केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों से भेदभाव का आरोप लगाते हुए गहलोत ने कहा, राज्यों के साथ किस प्रकार केन्द्र सरकार भेदभाव कर रही है उसका मैं उदाहरण देना चाहूंगा। 15वें वित्त आयोग ने करों में राज्यों के हिस्से को बढ़ाकर 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत कर दिया पर केंद्र सरकार ने परन्तु उल्टा रास्ता निकाल कर राज्यों का हिस्सा कम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने राज्यों के हिस्से में कटौती तो की है उसके साथ साथ अभी जो नया आयकर का स्लैब दिया है वह सबको भ्रमित करने वाला है।
गहलोत ने कहा, प्रधानमंत्री जी ने राज्यसभा व दौसा (की जनसभा) में जिस प्रकार के भाव प्रकट किए वे दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि आप राज्य सरकारों के बारे में जो टिप्पणी कर रहे हैं वह संघीय लोकतंत्र में उचित नहीं है। केंद्र सरकार को हमेशा आगे आकर राज्यों की मदद करनी चाहिए। यहां उल्टी गंगा बह रही है। उन्होंने बताया कि 13 जिलों की जनता के लिए पानी उपलब्धता के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ईआरसीपी में 13 हजार 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही ईआरसीपी में राजस्थान-मध्यप्रदेश को शामिल कर नया विषय खड़ा कर दिया गया है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय बढ़ने का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए सतत प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, 2022-23 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1,56,149 रुपये रही है जो गत वर्ष से 14.85 प्रतिशत अधिक है। गत 11 वर्ष की अवधि में प्रति व्यक्ति आय में सर्वाधिक वृद्धि गत वर्ष 18.10 प्रतिशत व इस वर्ष 14.85 प्रतिशत रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत तीन वर्षों में राजस्थान अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले पिछडे़ राज्यों से निकलकर अग्रणी राज्यों में खड़ा हो गया है। सांख्यिकी कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अगस्त, 2022 में जारी विभिन्न राज्यों की जीएसडीपी के अनुसार विभिन्न राज्यों में गत 10 वर्षों में रही वृद्धि दर के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि वाले राज्यों में राजस्थान का स्थान अग्रणी रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना ओपीएस और गौ सेवा के लिए प्रतिबद्धहै। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की। इस बजट में बोर्ड, निगम सहित सभी के लिए ओपीएस की घोषणा की गई है। इससे कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित होगा और उनकी चिंताएं दूर होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बजट में लम्पी रोग में अकाल मृत्यु प्राप्त गायों के परिवारों को 40 हजार रुपए प्रति गाय दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
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