सरकार ने लघु अवधि के फसली ऋण के लिए ब्याज सहायता योजना जारी रखने की मंजूरी दी

Loan
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

किसानों को रियायती ब्याज पर केसीसी के माध्यम से तीन लाख रुपये की कुल सीमा तक पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन सहित कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पकालिक फसली ऋण प्रदान करने के लिए सरकार बैंकों को सब्सिडी प्रदान करती है।

सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से प्राप्त कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण के लिए ब्याज सहायता योजना को मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के लिए जारी रखने की मंजूरी दे दी है। किसानों को रियायती ब्याज पर केसीसी के माध्यम से तीन लाख रुपये की कुल सीमा तक पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन सहित कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पकालिक फसली ऋण प्रदान करने के लिए सरकार बैंकों को सब्सिडी प्रदान करती है।

योजना के तहत किसानों को सात प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर ऋण मिलता है। समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को तीन प्रतिशत प्रति वर्ष की अतिरिक्त ब्याज सहायता प्रदान की जाती है। रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर में कहा है कि कर्ज देने वाली संस्थाओं को ब्याज छूट की दर वर्ष 2022-23 और वर्ष 2023-24 के लिए 1.5 प्रतिशत होगी। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए यह सहायता राशि दो प्रतिशत थी। किसानों को घबराहटपूर्ण बिकवाली करने से हतोत्साहित करने और उन्हें गोदामों में अपनी उपज का भंडारण करने को प्रोत्साहित करने के लिए केसीसी के तहत ब्याज सहायता का लाभ छोटे और सीमांत किसानों को उनके भंडारगृह विकास नियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) से मान्यता प्राप्त भंडारगृह में रखे गए उत्पाद की रसीदों के खिलाफ फसल की कटाई के बाद छह महीने की अवधि के लिए उपलब्ध होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़