सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धः मंत्री

केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि सरकार किसानों की आय तथा खेती बाड़ी से से जुड़े क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

चंडीगढ़। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज कहा कि सरकार किसानों की आय तथा खेती बाड़ी से से जुड़े क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा यहां आयोजित उत्तरी और पूर्वोत्तर राज्यों के दो दिवसीय क्षेत्रीय संपादक सम्मेलन के अंतिम दिन सिंह संपादकों से चर्चा में कृषि मंत्री ने कहा, 'हम किसानों की आय को बढ़ाने और ठीक उसी समय कृषि लागत को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिये जाने के मुद्दे पर आंख मूंदे रही और किसानों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सिंह ने कहा कि देश में 14 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के लिए 568 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। उन्होंने कहा, 'अगले वर्ष तक सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दे दिये जायेंगे और उन्हें पता होगा कि कौन सा उवर्रक उन्हें इस्तेमाल में लाना है क्योंकि कुछ मामलों में देखा है कि उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल के कारण मिट्टी की उर्वरता प्रभावित हुई है।'

कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए कदम उठाये हैं। सरकार यूरिया पर 50,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है। उन्होंने कहा कि पहले अवैध रूप से यूरिया का 30 प्रतिशत हिस्सा रसायन की फैक्टरियों तक चली जाया करती थीं जिससे देश के कई भागों में इसका अभाव हो जाया करता था। उन्होंने कहा, 'अब, यूरिया को नीम लेपित किया जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप इसका दुरुपयोग रुका है और इसके कारण अब केवल किसान ही इसका उपयोग कर पा रहे हैं।' सिंह ने कहा कि डाय अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और पोटाश उवर्रक की कीमतें पहली बार कम हुई हैं। उन्होंने कहा, 'और एक चीज महत्वपूर्ण यह है कि किसानों के उत्पादों के लिए बेहतर बाजार निर्मित किया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार अथवा ई.एनएएम, खेती की आय को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार की महत्वपूर्ण पहल है जिसने इस मंच से 250 थोक बाजारों को जोड़कर अपने अब तक के लक्ष्य को पार कर लिया है। उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य दिसंबर 2017 तक 585 मंडियों को परस्पर जोड़ने का है।' सरकार डेयरी, मत्स्यपालन, मधुमक्खीपालन और जैविक खेती जैसे सहायक क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। सिंह ने यह दावा भी किया कि इस वर्ष भारत की खरीद पैदावार इतिहास में पहली बार सबसे अधिक होगा।

कृषि मंत्री ने कहा, 'इस वर्ष खरीफ उत्पादन का लक्ष्य रिकॉर्ड तोड़ देगा। यह उत्पादन वर्ष 2011.12 के 13.1 करोड़ टन के मुकाबले इस वर्ष 13 करोड़ 50.3 लाख टन होना तय है।' सिंह ने कहा कि इस वर्ष चावल का उत्पादन 9.4 करोड़ टन का हुआ है जो उत्पादन वर्ष 2011.12 में रिकॉर्ड 9.2 करोड़ टन का हुआ था। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए कदम उठाये हैं तथा राहत के लिए बजटीय आवंटन को भी बढ़ाया है। उन्होंने कहा, 'पहले वर्ष 2014.15 को समाप्त पांच वर्षों की अवधि के लिए राज्यों को 31,000 करोड़ रुपये मिले थे। हमारे प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रुचि ली और उसके बाद हमारी सरकार ने किसानों के पक्ष में अपने फसल क्षति के मामले में मापदंड को बदला तथा अगले पांच वर्षों के लिए 61,000 करोड़ रुपये निर्धारित किये हैं।' उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को अपना रहे हैं। यह पूछने पर कि वर्ष 2014 के आम चुनाव में भाजपा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के वायदे के बावजूद केन्द्र इसे लागू क्यों नहीं कर रहा है, सिंह ने कहा कि सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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