सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाया, न्यूनतम निर्यात मूल्य 550 डॉलर प्रति टन

Government lifts ban on onion export
प्रतिरूप फोटो
Creative Common

केंद्र ने पिछले साल आठ दिसंबर को उत्पादन में गिरावट की चिंताओं के बीच खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले 4-5 साल के दौरान देश से सालाना 17 लाख से 25 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि प्रतिबंध हटने से खुदरा बाजारों में कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।

नयी दिल्ली। देश में चल रहे लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने शनिवार को प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया, लेकिन साथ ही न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 550 डॉलर प्रति टन तय किया है। इस फैसले से महाराष्ट्र सहित प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में किसानों के एक बड़े वर्ग की आय बढ़ाने में मदद मिल सकती है। सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 550 डॉलर प्रति टन (लगभग 46 रुपये प्रति किलोग्राम) और साथ ही 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है। शुल्क को ध्यान में रखते हुए, निर्यात खेप को 770 डॉलर प्रति टन (लगभग 64 रुपये प्रति किलोग्राम) से नीचे भेजने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

केंद्र ने पिछले साल आठ दिसंबर को उत्पादन में गिरावट की चिंताओं के बीच खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले 4-5 साल के दौरान देश से सालाना 17 लाख से 25 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि प्रतिबंध हटने से खुदरा बाजारों में कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘कीमतें स्थिर रहेंगी। अगर कोई बढ़ोतरी होती है, तो यह बहुत मामूली होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं और किसानों, दोनों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। 

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, प्याज की निर्यात नीति को संशोधित कर तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक 550 डॉलर प्रति टन के एमईपी के तहत प्रतिबंध से मुक्त किया गया है। सरकार ने कल रात प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया था। यह निर्णय इस मायने में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महाराष्ट्र के नासिक, अहमदनगर और सोलापुर जैसे प्रमुख प्याज क्षेत्रों में महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से पहले आया है। इस क्षेत्र के किसान प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे थे, ताकि उन्हें अपनी ऊपज का बेहतर मूल्य मिल सके। 

इस निर्णय के पीछे का तर्क बताते हुए, खरे ने कहा, ‘‘प्याज निर्यात पर प्रतिबंध आज (शनिवार) से हटा दिया गया है क्योंकि आपूर्ति की स्थिति आरामदायक है और मंडियों के साथ ही खुदरा बाजारों में कीमतें स्थिर हैं।’’ अप्रैल में नासिक की लासलगांव मंडी में प्याज की मॉडल कीमत 15 रुपये प्रति किलोग्राम थी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय रबी सत्र में 191 लाख टन प्याज उत्पादन के नवीनतम अनुमान पर विचार करने के बाद लिया गया है। यह निर्णय लेते समय वैश्विक बाजारों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों को भी ध्यान में रखा गया। सचिव ने कहा कि प्याज की मासिक घरेलू मांग लगभग 17 लाख टन है। 

खरे ने कहा, ‘‘प्रतिबंध हटने से किसान प्याज की खेती अधिक रकबे में करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। मानसून का पूर्वानुमान सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान है।’’ सचिव ने कहा कि सभी अंशधारकों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है। जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम ने महाराष्ट्र में प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्रों का भी दौरा किया। सचिव ने कहा कि सरकार बफर स्टॉक के तौर पर पांच लाख टन प्याज खरीद रही है, ताकि कीमत बढ़ने की स्थिति में वह बाजार में हस्तक्षेप कर सके। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतों पर लगातार नजर रख रहे हैं। हम उपलब्धता और कीमत की स्थिति पर नजर रखना जारी रखेंगे।’’ एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) है, जो प्याज सहित आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतों, उत्पादन, उपलब्धता और निर्यात की समीक्षा करती है। अधिकारी ने कहा कि आईएमसी घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए गेहूं और चावल सहित विभिन्न वस्तुओं के लिए कई कदम उठा रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़