सरकार 2024-25 तक 22,900 करोड़ रुपये की 44 बंदरगाह परियोजनाओं पर काम करेगी: सोनोवाल
बंदरगाह अवसंरचना के लिए निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) क्षेत्र में निवेश का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और मंत्रालय 2024-25 तक 44 परियोजनाओं पर काम करेगा जिनमें कुल 22,900 करोड़ रुपये का निवेश होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार प्रमुख बंदरगाहों पर तनावग्रस्त सार्वजनिक-निजी भागीदारी से निपटने के लिए दिशा-निर्देशों पर काम कर रही है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को कहा कि बंदरगाह अवसंरचना के लिए निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) क्षेत्र में निवेश का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और मंत्रालय 2024-25 तक 44 परियोजनाओं पर काम करेगा जिनमें कुल 22,900 करोड़ रुपये का निवेश होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार प्रमुख बंदरगाहों पर तनावग्रस्त सार्वजनिक-निजी भागीदारी से निपटने के लिए दिशा-निर्देशों पर काम कर रही है। इसके अलावा भारत में पोत निर्माण उद्योग को समर्थन देने के लिए नीतियां भी लाई है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने के लिए पोत, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय दो मोर्चों पर काम कर रहा है। परियोजना के मोर्चे पर मंत्रालय 2024-25 तक 44 परियोजनाओं पर काम करेगा जिनमें कुल 22,900 करोड़ रुपये का निवेश होगा।’’ इसके अलावा नीतिगत मोर्चे पर, मंत्रालय प्रमुख बंदरगाहों पर तनावग्रस्त पीपीपी परियोजनाओं से निपटने के लिए दिशा-निर्देशों पर काम कर रहा है। सोनोवाल ने कहा कि मंत्रालय ने राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन के तहत 12,222 करोड़ रुपये की 22 परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिनमें से 5,278 करोड़ रुपये की सात परियोजनाएं पीपीपी के आधार पर आवंटित की गईं हैं।
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बाकी की परियोजनाएं बोली के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने बताया कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मंत्रालय ने 56,831 करोड़ रुपये की 101 परियेाजनाओं की पहचान की है जिनका 2024 तक क्रियान्वयन होना है। उन्होंने कहा कि इनमें से 4,423 करोड़ रुपये की 13 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं जबकि 716 करोड़ रुपये की नौ परियोजनाएं मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।
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