Adani Hindenburg: कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं आसान, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे बोले- हिंडनबर्ग पर केस किया तो अडानी के पोते लड़ते रहेंगे केस

Adani Hindenburg
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अभिनय आकाश । Feb 6 2023 12:49PM

वरिष्ठ वकील ने कहा कि एक समय था जब हम ब्रिटिश उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित कर रहे थे। अब मैं देख रहा हूं कि ब्रिटिश सरकार ब्रिटेन में निवेश के लिए भारतीयों को लुभा रही है।

भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने अडानी विवाद पर कुछ प्रकाश डाला और कहा कि कोई भी इससे खुश नहीं है। उन्होंने रेखांकित करते हुए कहा कि भारत अब पश्चिमी देशों की शैडो से बाहर आ गया है और दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। इंडिया टुडे से बात करते हुए हरीश साल्वे ने कहा कि कोई भी इस बात से खुश नहीं है कि भारतीय कारोबारी दुनिया में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। वरिष्ठ वकील ने कहा कि एक समय था जब हम ब्रिटिश उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित कर रहे थे। अब मैं देख रहा हूं कि ब्रिटिश सरकार ब्रिटेन में निवेश के लिए भारतीयों को लुभा रही है। यह दुनिया की गतिशीलता में एक मात्रा परिवर्तन रहा है और इसके नतीजे होने ही थे।

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भारत और भारतीयों पर अटैक है

साल्वे ने यह भी कहा कि गौतम अडानी के खिलाफ लगाया गया आरोप भारत और भारतीयों पर एक थोक हमला है। आपके पास अनुमानित राजस्व है क्योंकि आपके पास एक नियामक है जो आपके टैरिफ को ठीक कर रहा है.. आप बहुत पैसा नहीं कमा सकते हैं; लेकिन कम से कम आपने राजस्व की लगभग गारंटी दी है, क्योंकि आज भी ये बुनियादी ढांचा परियोजनाएं एकाधिकार परियोजनाओं की तरह हैं। पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अन्य निवेश हार्डकोर इंडियन एसेट्स जैसे मैन्युफैक्चरिंग सीमेंट में हैं। उनकी (अडानी ग्रुप) ज्यादातर कंपनियां लिस्टेड हैं, उनके सारे रिकॉर्ड पब्लिक डोमेन में हैं। यह कहना कि आपने कुछ गुप्त शोध किया है और सब कुछ बकवास है।

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मुकदमा करने का कोई फायदा नहीं

भारत में डिंडनबर्ग पर केस करने का कोई मतलब नहीं है। उनका कहना है कि यहां इस मामले को लेकर कोई कानूनी ढांचा नहीं है। अगर उन पर मानहानि का केस कर भी दिया जाएगा तो गौतम अडानी के पोते ये केस अदालत में लड़ते रहेंगे। हरीश साल्वे ने कहा कि अमेरिका में हिंडनबर्ग पर केस इसलिए नहीं कर सकते हैं क्योंकि वहां पर वे पूछेंगे कि इसका असर सबसे ज्याजा कहां हुआ? हमारी ओर से जवाब होगा- भारत। ऐसे में वे दो टूक बोलेंगे कि ये हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसलिए वहां केस करना मुश्किल है। 

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