हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने ONGC को अपने प्रवर्तक के तौर पर किया सूचीबद्ध
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से फटकार के बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अपने शेयरधारकों की स्थिति के बारे में पिछली छह तिमाहियों के लिए दस्तावेजों को संशोधित कर फिर से जमा कराया है। इसमें तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को कंपनी का एक प्रवर्तक और बहुलांश हिस्सेदार बताया गया है।
नयी दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से फटकार के बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने अपने शेयरधारकों की स्थिति के बारे में पिछली छह तिमाहियों के लिए दस्तावेजों को संशोधित कर फिर से जमा कराया है। इसमें तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को कंपनी का एक प्रवर्तक और बहुलांश हिस्सेदार बताया गया है।
इसे भी पढ़ें: सरकार ने ONGC को HPCL के प्रवर्तक के रूप में दी ‘मान्यता’
सेबी ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम को 13 अगस्त 2019 तक शेयर बाजारों में शेयरधारिता दस्तावेज को फिर से दाखिल करने के लिए कहा था। उसे यह दस्तावेज जनवरी 2018 में ओएनजीसी द्वारा उसकी सारी सरकारी हिस्सेदारी खरीदे जाने के बाद की सभी तिमाहियों के लिए दाखिल करने थे।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने नियामकीय जानकारी में बताया कि उसने मार्च 2018 में समाप्त होने वाली तिमाहियों से लेकर पिछली छह तिमाहियों के लिए शेयर बाजारों में शेयरधारिता दस्तावेजों को फिर से जमा करा दिया है। संशोधित शेयरधारिता दस्तावेज में ओएनजीसी को एक प्रवर्तक दिखाया गया है जिसके पास कंपनी के 77.88 करोड़ शेयर या 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
इसे भी पढ़ें: LPG परियोजना में शामिल हुई BPCL और HPCL, कांडला से गोरखपुर में बिछायी जाएगी पाइपलाइन
जबकि भारत के राष्ट्रपति की हिस्सेदारी ‘शून्य’ हो चुकी है, हालांकि वह शून्य शेयरधारिता के साथ अभी भी कंपनी के प्रवर्तक हैं। ओएनजीसी ने पिछले साल जनवरी में हिंदुस्तान पेट्रोलियम में सरकार की 51.11 प्रतिशत की पूरी हिस्सेदारी 36,915 करोड़ रुपये में खरीद ली थी। हालांकि कंपनी अभी भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के तौर पर ही सूचीबद्ध है।
अन्य न्यूज़