IOC, HPCL ने एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पर 4,000 करोड़ की कर मांग को चुनौती देने का फैसला किया

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इन कंपनियों का कहना है कि गन्ने के रस से बनाए जाने वाले एथेनॉल पर कर छूट है। पुणे में जीएसटी महानिदेशक ने देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी पर पेट्रोल में मिलाए गए एथेनॉल पर उत्पाद शुल्क का भुगतान नहीं करने को लेकर 4,002 करोड़ रुपये की कर मांग की है। एचपीसीएल को 346 करोड़ रुपये का कर अदा करने को कहा गया है।

नयी दिल्ली। पेट्रोलियम रिफाइनरी कंपनियों इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) ने कर विभाग की 4,000 करोड़ रुपये का उत्पाद शुल्क अदा करने की मांग को चुनौती देने का फैसला किया है। कर विभाग ने पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण पर यह मांग बनाई है। इन कंपनियों का कहना है कि गन्ने के रस से बनाए जाने वाले एथेनॉल पर कर छूट है। पुणे में जीएसटी महानिदेशक ने देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी पर पेट्रोल में मिलाए गए एथेनॉल पर उत्पाद शुल्क का भुगतान नहीं करने को लेकर 4,002 करोड़ रुपये की कर मांग की है। एचपीसीएल को 346 करोड़ रुपये का कर अदा करने को कहा गया है। 

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शेयर बाजारों को भेजी सूचना में आईओसी ने कहा कि वह एक जिम्मेदार तथा कानून का पालन करने वाली कंपनी है। आईओसी शुल्कों और करों के रूप में सरकारी खजाने में सबसे ज्यादा योगदान देने वाली कंपनी है। आईओसी ने कहा कि उसने 2018-19 में सरकार को शुल्क और करों के रूप में 1.93 लाख करोड़ रुपये अदा किए हैं। आईओसी ने कहा कि वह कारण बताओ नोटिस के सभी आरोपों को खारिज करती है। कानून के मौजूदा प्रावधान कहते हैं कि किसी व्यक्ति ने यदि वस्तुओं की बिक्री पर उत्पाद शुल्क के रूप में जो भी राशि संग्रहीत की है उसे वह राशि कर विभाग को देनी होगी। 

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आईओसी ने कहा कि एथेनॉल मिश्रण वाले मोटर स्पिरिट (ईबीएमएस) एक छूट वाला उत्पाद है। आईओसी को ईबीएमएस की बिक्री पर उत्पाद शुल्क के रूप में कोई राशि की वसूली नहीं हुई है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां आईओसी, भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) तथा एचपीसीएल सरकार के निर्देशानुसार ईबीएमएस की बिक्री के लिए पेट्रोल में पांच से दस प्रतिशत एथेनॉल मिलाती हैं। सरकार ने कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण को अनिवार्य कर दिया है। भारत अपनी तेल जरूरत का 83 प्रतिशत आयात से पूरा करता है। एचपीसीएल ने भी कहा कि उसे भी इसी तरह का नोटिस मिला है। एचपीसीएल ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि यह नोटिस कानूनी तौर पर टिक नहीं पाएगा और कंपनी इस नोटिस पर उचित कदम उठाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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