Budget 2022: केंद्रीय बजट में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने की संभावना

Green Hydrogen

सरकार आम बजट में हरित हाइड्रोजन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा सकती है।इस महीने की शुरुआत में बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने संकेत दिया था कि फरवरी में हरित हाइड्रोजन नीति लाई जाएगी, जिसमें देश में हरित हाइड्रोजन को प्रोत्साहन देने के लिए कई उपाय शामिल होंगे।

नयी दिल्ली। सरकार आगामी आम बजट में देश में हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए लक्षित वित्तीय प्रोत्साहनों के अलावा कोष का आवंटन कर सकती है। आम बजट मंगलवार को पेश किया जाना है। सरकार ने 2021 में राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन शुरू किया है। इस महीने की शुरुआत में बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने संकेत दिया था कि फरवरी में हरित हाइड्रोजन नीति लाई जाएगी, जिसमें देश में हरित हाइड्रोजन को प्रोत्साहन देने के लिए कई उपाय शामिल होंगे।

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जे सागर एसोसिएट्स (जेएसए) के भागीदार वेंकटेश रमन प्रसाद ने कहा, ‘‘ 2021 में राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया है। संभावना है कि बजट में हरित हाइड्रोजन खंड में अनुसंधान एवं विकास के लिए लक्षित वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जा सकता है। इसके अलावा हाइड्रोजन के लिए घरेलू आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण और हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रोलाइजर पर सीमा शुल्क को घटाया जा सकता है।’’ प्रसाद का कहना है कि सीओपी-26 में 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य का लक्ष्य प्राप्त करने और 2030 तक कुल बिजली जरूरत का 50 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा से पूरा करने की प्रतिबद्धता दर्शाती है कि सरकार ऊर्जा के स्वच्छ स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करने का इरादा रखती है।

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ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) के वरिष्ठ कार्यक्रम प्रमुख (प्रोग्राम लीड) हेमंत माल्या का विचार है कि हरित हाइड्रोजन के कई औद्योगिक उपयोग हैं और यह लौह और इस्पात उद्योग को संभावित रूप से कॉर्बन-मुक्त करने में महत्वपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में 2024 तक 1,200 करोड़ रुपये का परिव्यय इस क्षेत्र में कई पायलट परियोजनाओं की शुरुआत में मददगार हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 165 करोड़ रुपये के और समर्थन से क्षेत्र में शोध एवं विकास (आरएंडडी) को आगे बढ़ाया जा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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