Japan को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना India, जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंची

BVR Subrahmanyam
ANI
एकता । May 25 2025 11:49AM

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत ने घरेलू सुधारों और वैश्विक माहौल के कारण वैश्विक आर्थिक रैंकिंग में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे यह अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अगर भारत अपनी वर्तमान गति को बनाए रखता है, तो वह जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि भारत ने वैश्विक आर्थिक रैंकिंग में एक पायदान ऊपर चढ़कर जापान को पीछे छोड़ दिया है और अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। देश की जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गई है, जो इसे आकार में केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जर्मनी से पीछे रखती है। यह उपलब्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नीति आयोग के सीईओ का बयान

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत ने घरेलू सुधारों और वैश्विक माहौल के कारण वैश्विक आर्थिक रैंकिंग में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे यह अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अगर भारत अपनी वर्तमान गति को बनाए रखता है, तो वह जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, जिसमें केवल अमेरिका और चीन ही आगे होंगे। यह प्रगति एक उभरते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच आ रही है, जहां भारत खुद को एक प्रमुख वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।

सुब्रह्मण्यम ने डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत लागत-प्रतिस्पर्धी विनिर्माण आधार प्रदान करना जारी रखेगा, भले ही भविष्य के अमेरिकी टैरिफ की बारीकियां अभी भी अस्पष्ट हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार अपने परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम के दूसरे दौर की तैयारी कर रही है, जिसे अगस्त में शुरू किए जाने की उम्मीद है। यह आर्थिक मील का पत्थर ऐसे समय पर आया है जब भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में अपनी भूमिका को गहरा करने और 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत नए निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।

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