भारतीय कंपनियों कीवाणिज्यिक उधारी 24% से बढ़कर 9.23 अरब डॉलर पहुंची

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भारतीय कंपनियों की विदेशी उधारी मार्च में 24 प्रतिशत बढ़कर 9.23 अरब डॉलर पर पहुंची।आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2021 में जुटाई गई कुल उधारी में 5.35 अरब डालर विदेशी वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के मंजूरी रास्ते से जुटाये गये जबकि शेष 3.88 अरब डालर की राशि अंतराराष्ट्रीय बाजार से स्वत: मंजूरी वाले मार्ग से जुटाये गये।

मुंबई। भारतीय उद्योग जगत की मार्च में विदेशों से ली गई वाणिज्यिक उधारी 24 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 9.23 अरब डालर पर पहुंच गई। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह दर्शाया गया है। एक साल पहले इसी माह में भारतीय कंपनियों ने विदेशी बाजारों से 7.44 अरब डालर जुटाये थे। आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2021 में जुटाई गई कुल उधारी में 5.35 अरब डालर विदेशी वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) के मंजूरी रास्ते से जुटाये गये जबकि शेष 3.88 अरब डालर की राशि अंतराराष्ट्रीय बाजार से स्वत: मंजूरी वाले मार्ग से जुटाये गये।

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इस दौरान रुपये में अंकित बांड अथवा मसाला बॉंड के जरिये कोई राशि नहीं जुटाई गई। जिन कंपनियों ने सरकारी मंजूरी के जरिये विदेशों से उधार लिया उनमें भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी), ओएनजीसी विदेश रोवुमा और आरईसी लिमिटेड ये तीन कंपनियां शामिल हैं। आईआरएफसी ने ढांचागत विकास के लिये तीन किस्तों में 3.33 अरब डालर की राशि जुटाई वहीं ओएनजीसी विदेश रोवुमा लिमिटेड ने 1.6 अरब डालर की राशि जुटाई। आरईसी लिमिटेड ने आगे कर्ज पर देने के लिये 42.50 करोड़ डालर की राशि जुटाई। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र में ढांचागत वित्त सुविधा देने वाली कंपनी है। इसके अलावा आटोमेटिक रूट से विदेशों से पूंजी जुटाने वालों में अदाणी हाइब्रिड एनर्जी जेसलमेर, भारती एयरटेल, पीजीपी ग्लास और एनटीपीसी प्रमुख कंपनियां रही। इंडियन आयल कार्पोरेशन और एमएमआर साहा इन्फ्रास्ट्रक्चर ने भी प्रत्येक ने 10 करोड़ रुपये की पूंजी विदेशों से जुटाई।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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