वैश्विक संकट के बावजूद भारत पुनरुद्धार के रास्ते पर अग्रसर: आरबीआई लेख

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लेख के अनुसार, तेल और गैस के बढ़ते दाम तथा वित्तीय बाजारों में उठा-पटक वैश्विक पुनरुद्धार के लिये नई चुनौतियां हैं। ‘इस कठिन समय में भारत घरेलू मोर्चे पर प्रगति कर रहा है।

मुंबई, 17 मार्च यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण उत्पन्न भू-राजनीतिक संकट के बावजूद भारत पुनरुद्धार के रास्ते पर बढ़ रहा है। इसका कारण देश का महामारी की तीसरी लहर से बाहर आना है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए जोखिम बना हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक लेख में यह कहा गया है। आरबीआई बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ विषय पर प्रकाशित लेख में कहा गया है कि देश की वृहत आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है। लेकिन वैश्विक गतिविधियों के प्रभाव को देखते हुए जोखिम बना हुआ है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी महामारी से बाहर आने को संघर्ष कर ही रही थी, ऐसे में भू-राजनीतिक संकट ने वैश्विक वृहत आर्थिक और वित्तीय परिदृश्य को लेकर अनिश्चिता बढ़ा दी है।

लेख के अनुसार, तेल और गैस के बढ़ते दाम तथा वित्तीय बाजारों में उठा-पटक वैश्विक पुनरुद्धार के लिये नई चुनौतियां हैं। ‘इस कठिन समय में भारत घरेलू मोर्चे पर प्रगति कर रहा है। इसका प्रमुख कारण देश का तीसरी लहर के प्रभाव से बाहर आना है। रिजर्व बैंक ने यह साफ किया है कि लेख में विचार लेखकों के हैं और कोई जरूरी नहीं है कि वह केंद्रीय बैंक की सोच से मिलते हों। इस लेख को आरबीआई के अधिकारियों ने लिखा है।

इसमें कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था यूक्रेन पर हमले से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रही है। तेल की कीमतें कई साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई, वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव है। यह सोने जैसे सुरक्षित समझी जाने वाली संपत्तियों में निवेश का नतीजा है।

लेखकों के अनुसार, ‘‘इन कठिन चुनौतियों के बीच, मुद्रास्फीति में वृद्धि और वित्तीय स्थिरता जोखिम बढ़ने से वैश्विक वृद्धि परिदृश्य कमजोर हुआ है।’’ ‘‘युद्ध का शीघ्र समाधान नहीं होने पर, संकट का वैश्विक पुनरुद्धार पर काफी प्रतिकूल असर पड़ेगा। इससे 2022 और उसके बाद वैश्विक वृद्धि के अनुमान को घटाने की जरूरत पड़ सकती है।’’

लेख में कहा गया है कि घरेलू मोर्चे पर रेस्तरां और सिनेमा हॉल जैसे सेवा क्षेत्र से जुड़ा कामकाज अब सामान्य हो रहे हैं। आवाजाही के संकेतक मार्च, 2022 में उल्लेखनीय सुधार को अभिव्यक्त करते हैं।

इसके अनुसार, ‘‘आवाजाही की स्थिति में सुधार तथा सिनेमा हॉल और रेस्तरां जैसे सेवा क्षेत्र के खुलने के साथ बिजली उत्पादन में मार्च महीने में तेजी न केवल पिछले महीने बल्कि महामारी-पूर्व स्तर से भी अधिक है।’’ साथ ही ई-वे बिल का सृजन महामारी-पूर्व स्तर से अधिक है।

तुलनात्मक प्रभाव कमजोर होने के बावजूद पथकर संग्रह भी फरवरी, 2022 में बढ़ा है। लेख में कहा गया है कि आवाजाही बढ़ने से डीजल और पेट्रोल की खपत फरवरी, 2022 में बढ़ी। हालांकि, विमान ईंधन की मांग में कमी से कुल पेट्रोलियम खपत कम रही।

वितरण में लगने वाले समय के साथ पंजीकरण में बाधा से वाहनों की खुदरा बिक्री स्थिर बनी हुई है। इसके अनुसार, सकल राजकोषीय घाटा 2021-22 में अप्रैल-जनवरी के दौरान कम होकर संशोधित अनुमान का 58.9 प्रतिशत पर आ गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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