NCLAT ने सरकार से मांगी IL&FS समूह की कंपनियों की सूची
दूसरी सूची ‘अंबर’ वर्ग की और तीसरी सूची ‘लाल’ वर्ग में रखी कंपनियों की सौंपेगी। न्यायाधीश एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले पर आदेश सुनाने के लिए अगली तारीख 11 फरवरी तय की है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सरकार से आईएलएफएस समूह की कंपनियों की सूची जमा कराने के लिए कहा है। यह सूची उनके वित्तीय वर्गीकरण और कर्ज चुकाने की उनकी वित्तीय स्थिति की जानकारी के साथ जमा करानी है। सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही आईएलएफएस की कर्ज समाधान योजना सोमवार को एनसीएलएटी को सौंपी। साथ ही इस पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायधीश डी. के. जैन के नाम का भी सुझाव दिया है। सरकार ने कहा कि पूरी निपटान प्रकिया दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के सिद्धान्तों के अनुरूप की जाएगी।
NCLAT On IL&FS Case: Govt & IL&FS may contact retd SC judge D K Jain to supervise resolution process. Govt, IL&FS must present 2 lists of cos, in Indian & foreign jurisdiction. Govt, IL&FS told to submit list of green, amber, red cos depending on their ability to service debt pic.twitter.com/lnhBj1IPgT
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) February 4, 2019
योजना के तहत सरकार ने आईएलएंडएफएस समूह की कंपनियों को हरे, गेरुआ (अंबर) और लाल रंग में उनकी वित्तीय स्थिति के हिसाब से वगीकृत किया है।
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एनसीएलएटी ने कहा कि सरकार पहली सूची ‘हरे’ वर्ग की कंपनियों की, दूसरी सूची ‘अंबर’ वर्ग की और तीसरी सूची ‘लाल’ वर्ग में रखी कंपनियों की सौंपेगी। न्यायाधीश एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले पर आदेश सुनाने के लिए अगली तारीख 11 फरवरी तय की है।
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इसके अलावा एनसीएलएटी ने आईएलएफएस की उन कंपनियों की भी सूची मांगी है जो अन्य देशों में गठित की गई। कर्ज समाधान योजना के तहत सरकार ने कारपोरेट मामलों के मंत्रालय ने सभी कर्जदाताओं को उनके दावे दाखिल करने के लिए 30 सितंबर 2018 तक का वक्त दिया है।
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