ईडी के सामने नहीं हाजिर हुए माल्या, मई तक का मांगा समय

[email protected] । Apr 9 2016 4:24PM

शराब उद्यमी विजय माल्या 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई ऋण धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में जारी सम्मन पर आज तीसरी बार भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष हाजिर नहीं हुए।

शराब उद्यमी विजय माल्या 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई ऋण धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में जारी सम्मन पर आज तीसरी बार भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष हाजिर नहीं हुए। उन्होंने जांच अधिकारियों के समाने हाजिरी के लिए मई तक का समय मांगा है। यह जांच मनी लांडरिंग रोधी कानून के तहत चल रही है। अधिकारियों ने बताया कि माल्या ने मुंबई में ईडी के जांच अधिकारी (आईओ) को सूचित किया कि वह आज की तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना बयान नहीं दे सकते है। इसके लिए उन्होंने बकाया ऋणों के निपटान के लिए उच्चतम न्यायालय में चल रहे मामले को आधार बनाया। उन्हें आज ही मुंबई में जांच अधिकारी के समाने पेश होने को कहा गया था।

हालांकि ऐसा समझा जाता है कि उन्होंने अपनी कानूनी टीम को सुझाव दिया है कि यह टीम जांच की कार्रवाई में सहयोग कर सकती है। सूत्रों ने फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं बताया कि एजेंसी अब आगे क्या कदम उठाएगी क्योंकि माल्या ने मई तक का समय मांगा है। कारोबारी ने पिछले सप्ताह भी हाजिरी के लिए और समय दिये जाने के लिए जांच अधिकारी के समक्ष इस बारे में एक अनुरोध किया था जिसे खारिज कर दिया गया था। सूत्रों ने कहा, ‘‘आगे की कार्रवाई के बारे में उचित समय पर फैसला किया जाएगा।’’ एजेंसी ने पिछले सप्ताह माल्या को नया समन जारी कर आज की तारीख (नौ अप्रैल) को तलब किया था। इससे पहले उन्हें 18 मार्च तथा दो अप्रैल को ईडी के जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के नोटिस दिये गये थे। माल्या की ओर से पहले की इन दो तारीखों के संबंध में हाजिरी के लिए आधिकारिक कारणों का हवाला देते हुए तारीख बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया था।

इससे पहले, अधिकारियों ने कहा था कि मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत अगर आरोपी लगातार तीन बार समन जारी होने के बाद भी उपस्थित नहीं होता है तो जांच एजेंसी उस व्यक्ति का पासपोर्ट रद्द कराने या उसके नाम गैर-जमानती वारंट जारी करने का विकल्प या दोनों ही तरह की कार्रवाई शुरू कर सकती है। इससे पहले, ईडी के अधिकारियों ने संकेत दिया था कि माल्या को नौ अप्रैल का समन संभवत: आखिरी हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि जांच अधिकारी ने इस मामले में तकनीकी और कानूनी आधार पर माल्या को हाजिर के लिए आज तक का अतिरिक्त मौका दे दिया था। ऐसा समझा जाता है कि माल्या ने जांच अधिकारी को सूचित किया है कि बैंक कर्ज से संबंधित मामले फिलहाल उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन हैं और वह अपने कानूनी तथा कारपोरेट टीम की मदद से कजरें के निपटान की कोशिश कर रहे हैं और इसीलिए उन्हें और समय चाहिए। शराब कारोबारी माल्या और उनकी कंपनियों पर विभिन्न बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये के अधिक के कर्ज नहीं लौटाने को लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू की गयी है। उच्चतम न्यायालय ने माल्या को देश और विदेश में अपने और परिवार के नाम पर जो भी संपत्ति है, उसका खुलासा 21 अप्रैल तक करने को कहा है।

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