NCLAT ने दी मिस्‍त्री को राहत, मिली टाटा संस के खिलाफ केस दर्ज करने की छूट

NCLAT allows Syrus mistry to file case against Tata Sons
[email protected] । Sep 21 2017 4:48PM

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने साइरस मिस्त्री की दो कंपनियों को टाटा संस के खिलाफ उत्पीड़न एवं कुप्रबंधन का मामला दायर करने के लिए शेयरधारिता की सीमा नियम से मांगी गई छूट की अपीलों को स्वीकार कर लिया।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने साइरस मिस्त्री की दो कंपनियों को टाटा संस के खिलाफ उत्पीड़न एवं कुप्रबंधन का मामला दायर करने के लिए शेयरधारिता की सीमा नियम से मांगी गई छूट की अपीलों को स्वीकार कर लिया। हालांकि मिस्त्री की इसको कायम रखने की एक अन्य अपील को खारिज करते हुए न्यायाधिकरण ने कहा कि कंपनियों के पास टाटा संस में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी नहीं है।

एनसीएलएटी ने मामला दायर करने के लिए 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के नियम से छूट प्रदान की है। एनसीएलएटी ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की मुंबई पीठ को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें और मामले को आगे बढ़ाए। एनसीएलएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति एस. जे. मुखोपाध्याय की पीठ ने एनसीएलटी से कहा है कि वह तीन माह में मामले को खत्म करे। न्यायाधिकरण ने इस पर सुनवाई 24 जुलाई को पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मिस्त्री की दो कंपनियां साइरस इंवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इंवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने टाटा संस के खिलाफ दायर की गई अपनी याचिकाओं को कायम रखने और कंपनी कानून 2013 के तहत न्यूनतम शेयरधारिता नियम से छूट के लिए एनसीएलएटी का रुख किया था।

अपीलीय न्यायाधिकरण ने दोनों याचिकाओं पर साथ सुनवाई की। इससे पहले 17 अप्रैल को एनसीएलटी की मुंबई शाखा ने मिस्त्री की छूट याचिका को खारिज कर दिया था जबकि छह मार्च को इसे कायम रखने की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद दोनों कंपनियां अपीलीय न्यायाधिकरण चली गई थीं। कंपनी कानून के तहत किसी कंपनी के खिलाफ अल्प अंशधारकों का उत्पीड़न करने और कुप्रबंधन का आरोप लगाने वाला मामला दायर करने के लिए किसी याचिकाकर्ता के पास कंपनी की कुल जारी शेयर पूंजी का दसवां हिस्सा या कुल सदस्यों में 10% प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि मिस्त्री को 24 अक्तूबर 2016 को टाटा संस के चेयरमैन पद से अचानक हटा दिया गया था और उसके बाद छह फरवरी 2017 को कंपनी के निदेशक मंडल से भी उन्हें हटा दिया गया था।

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