इंडियाबुल्स में एम्बैसी ग्रुप की परियोजनाओं के विलय पर NCLT की, शेयर 20 प्रतिशत टूटा

मुंबई स्थित इंडियाबुल्स रियल एस्टेट लिमिटेड (आईबीआरईएल) ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि एम्बैसी ग्रुप की एनएएम एस्टेट्स और एम्बैसी वन परियोजनाओं का आईबीआरईएल में विलय संबंधी संस्तुति पर एनसीएलटी की चंडीगढ़ पीठ ने रोक लगा दी है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की चंडीगढ़ पीठ ने रियल एस्टेट फर्म एम्बैसी ग्रुप की कुछ संपत्तियों का इंडियाबुल्स रियल एस्टेट में विलय किए जाने पर रोक लगा दी है। यह खबर सामने आने के बाद इंडियाबुल्स समूह की कंपनी के शेयरों में 20 प्रतिशत की भारी गिरावट आई। मुंबई स्थित इंडियाबुल्स रियल एस्टेट लिमिटेड (आईबीआरईएल) ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा कि एम्बैसी ग्रुप की एनएएम एस्टेट्स और एम्बैसी वन परियोजनाओं का आईबीआरईएल में विलय संबंधी संस्तुति पर एनसीएलटी की चंडीगढ़ पीठ ने रोक लगा दी है।
उसने कहा कि वह एनसीएलटी के इस फैसले का विधिवत अध्ययन कर अगले कदम के बारे में कोई निर्णय लेगी। उसने कहा कि इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में अपील करने के विकल्प पर भी गौर किया जाएगा। अगस्त, 2020 में बेंगलुरु स्थित एम्बैसी ग्रुप ने अपनी कुछ आवासीय एवं वाणिज्यिक परियोजनाओं का आईबीआरईएल में विलय करने से संबंधित एक पक्का समझौता किया था। इस समझौते के तहत विलय से बनने वाली इकाई का प्रवर्तक एम्बैसी ग्रुप को होना है। आईबीआरईएल ने कहा कि इस विलय प्रस्ताव को एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने पहले ही स्वीकृति दे दी थी लेकिन चंडीगढ़ पीठ ने रोक लगा दी है।
आयकर विभाग ने विलय योजना को लेकर कुछ आपत्तियां जताई थीं। विलय प्रस्ताव पर रोक की खबर सामने आने के बाद आईआरबीईएल के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। बीएसई में इसके शेयर 19.98 प्रतिशत टूटकर 55.34 रुपये के भाव पर आ गए। वहीं एनएसई में कंपनी का शेयर 20 प्रतिशत कमजोर होकर 55.40 रुपये के भाव पर रह गया। शेयरों में बड़े पैमाने पर आई गिरावट से आईआरबीईएल का बाजार पूंजीकरण भी 748.59 करोड़ रुपये घटकर 2,997.63 करोड़ रुपये पर आ गया। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने फरवरी, 2021 में इस विलय प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दी थी।
इसके अलावा आईबीआरईएल ने अपने 99.9987 प्रतिशत शेयरधारकों का भी समर्थन मिलने की बात कही है। फिलहाल आईबीआरईएल में एम्बैसी ग्रुप की हिस्सेदारी करीब 14 प्रतिशत है और विलय प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यह हिस्सेदारी बढ़कर 45 प्रतिशत हो जाएगी। विलय प्रक्रिया पर रोक लगने पर एम्बैसी ग्रुप के चेयरमैन जीतू वीरवानी ने निराशा जाहिर करते हुए कहा, ‘‘हमने एनसीएलटी को संबंधित परियोजनाओं के बारे में सभी जरूरी ब्योरा मुहैया कराया है और आयकर विभाग की आपत्तियों का भी जवाब दिया है। इसके बावजूद एनसीएलटी ने विलय को मंजूरी न देने का बड़ा कदम उठा लिया है।
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