बैंकों का एनपीए देश की वित्तीय साख के लिए खतरा: मूडीज

[email protected] । Apr 26 2016 2:56PM

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने आज चेतावनी दी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लंबे समय से बढ़ता एनपीए (वसूली नहीं हो रहे कर्ज) भारत की वित्तीय साख के लिए खतरा है।

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने आज चेतावनी दी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लंबे समय से बढ़ता एनपीए (वसूली नहीं हो रहे कर्ज) भारत की वित्तीय साख के लिए खतरा है और कहा कि सरकार को बैंकों की बैलेंसशीट की सफाई के लिए कुछ लागत वहन करनी चाहिए। मूडीज ने एक रपट में कहा है, ''सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का बड़ा और लंबे समय से बरकरार एनपीए सावरेन साख के लिए सबसे बड़े खतरों में है क्योंकि इसका राजकोषीय स्थिति पर असर होता है।’’

रपट के मुताबिक, ‘‘ऋण जब आम तौर पर घरेलू बैंकिंग प्रणाली से लिया जा रहा है तो सरकार बैंक की बैलेंसशीट की सफाई की कुछ लागत का वहन कर सकती है।’’

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़