पिगलेट निवेश योजना: जल्दी पैसा कमाने के लालच में डूबी कई लोगों की गाढ़ी कमाई

Piglet Investment
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प्राथमिकी के अनुसार इन लोगों ने श्योर गेन सॉल्यूशंस (एसजीएस) नाम की एक कंपनी शुरू की थी और लोगों को इस फर्म में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। निवेशकों ने कहा कि उन्होंने नवंबर, 2017 से मार्च, 2019 तक सैकड़ों लोगों से निवेश जुटाया। इन लोगों का व्यक्तिगत निवेश 10,000 रुपये से दो करोड़ रुपये के बीच था

पिगलेट में निवेश करें और सात महीने में डेढ़ गुना पैसा पाएं - यह आकर्षक टैगलाइन और जल्दी पैसा कमाने के लालच में रक्षा कर्मियों सहित सैकड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई डूब गई। तीन साल बीत जाने और विभिन्न राज्यों में कई प्राथमिकी (एफआईआर) के बावजूद निवेशक अपना धन वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। दरअसल सुअर पालन व्यवसाय के नाम पर लोगों को बताया गया कि 10,000 रुपये की कीमत वाले सुअर के तीन बच्चे (पिगलेट), जब सात महीने बाद बड़े हो जाएंगे, तो उनकी कीमत 40,000 रुपये हो जाएगी।

इस तरह जल्दी पैसा बढ़ाने के लालच में कई लोगों ने इस निवेश योजना में अपना धन लगा दिया। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज एक प्राथमिकी के अनुसार पंजाब के फिरोजपुर निवासी मंगत राम मैनी, उसके रिश्तेदारों और सहयोगियों ने कथित तौर पर निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। प्राथमिकी के अनुसार इन लोगों ने श्योर गेन सॉल्यूशंस (एसजीएस) नाम की एक कंपनी शुरू की थी और लोगों को इस फर्म में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। निवेशकों ने कहा कि उन्होंने नवंबर, 2017 से मार्च, 2019 तक सैकड़ों लोगों से निवेश जुटाया। इन लोगों का व्यक्तिगत निवेश 10,000 रुपये से दो करोड़ रुपये के बीच था।

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कंपनी में 12 लाख रुपये निवेश करने वाले अभिषेक सिंह ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें बताया कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और अफ्रीका के कई देशों में सुअरों की काफी मांग है। इसका मांस 150 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकता है।’’ हालांकि, बाद में इस सब्जबाग का सच एक आर्थिक धोखाधड़ी के रूप में सामने आया। दिल्ली पुलिस के ईओडब्ल्यू में डीसीपी अनीश राय ने कहा कि 2019 में 43 पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क किया और उनकी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई।

उन्होंने बताया, ‘‘मामले में पांच आरोपी हैं और हमने उनमें से एक को गिरफ्तार किया है, जो इस समय न्यायिक हिरासत में है।’’ उन्होंने संदेह जताया कि बाकी आरोपी कारोबार समेटकर विदेश भाग गए हैं। राय ने कहा, ‘‘जब तक पीड़ित हमारे पास आए, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और हमें संदेह है कि आरोपी अपना कारोबार समेट कर विदेश भाग गए हैं।’’

इस मामले में कई निवेशकों के पूरे जीवन की बचत दांव पर है। हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले एक रक्षाकर्मी धर्मेंद्र सिंह ने अक्टूबर, 2018 और मार्च, 2019 के बीच 25 लाख रुपये का निवेश किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक सहयोगी की सलाह पर अपनी पूरी बचत का निवेश कर दिया। मुझे नहीं पता कि मुझे मेरे पैसे कभी वापस मिलेंगे या नहीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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