विशेष आर्थिक क्षेत्रों को प्रोत्साहन के लिए नया कानून लाने की तैयारी, रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

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विशेष आर्थिक क्षेत्रों को प्रोत्साहन के लिए नया कानून लाने की तैयारी है।अधिकारी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने नए विधेयक पर वित्त समेत विभिन्न मंत्रालयों से राय मांगी है। विभिन्न मंत्रालयों के विचार मिलने के बाद मंत्रालय इसपर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा और फिर संसद में नया विधेयक लाया जाएगा।

नयी दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय एक नए कानून के जरिये विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के पुनर्गठन का प्रयास कर रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रालय विशेष आर्थिक क्षेत्र को फिर खड़ा करने के लिए कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रोत्साहनों मसलन आयात शुल्क को स्थगित करना और निर्यात करों से छूट का प्रस्ताव कर रहा है। इस साल के आम बजट में सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों का संचालन करने वाले मौजूदा कानून को एक नए कानून के साथ बदलने का प्रस्ताव रखा था ताकि राज्यों को ‘उद्यम और सेवा केंद्रों के विकास’ (देश) में भागीदार बनाया जा सके।

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अधिकारी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने नए विधेयक पर वित्त समेत विभिन्न मंत्रालयों से राय मांगी है। विभिन्न मंत्रालयों के विचार मिलने के बाद मंत्रालय इसपर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा और फिर संसद में नया विधेयक लाया जाएगा। इन प्रस्तावों में एसईजेड की किसी इकाई द्वारा घरेलू खरीद पर एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) की शून्य रेटिंग का प्रोत्साहन शामिल है। इसके अलावा इन क्षेत्रों के डेवलपर के लिए अप्रत्यक्ष लाभ कर को जारी रखने का भी प्रस्ताव है। विनिर्माण और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए राज्य भी इन क्षेत्रों के लिए समर्थन उपाय कर सकते हैं। मौजूदा एसईजेड कानून 2006 में बना था। इसका मकसद देश में निर्यात केंद्र बनाना और विनिर्माण को प्रोत्साहन देना था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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