पुलित्सर पुरस्कार विजेता भारतीय मूल के चिकित्सक, उनके हमवतन न्यूयॉर्क के आयोग में शामिल

 पुलित्सर पुरस्कार

कोरोना वायरस महामारी के कारण अमेरिका की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। कुओमो ने रविवार को घोषणा की कि गूगल के पूर्व सीईओ एरिक श्मिट की अगुवाई वाला राज्य का ब्लू-रिबन आयोग नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से टेलीहेल्थ और ब्रॉडबैंड पहुंच में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।

 न्यूयार्क। पुलित्जर पुरस्कार हासिल करने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सक सिड मुखर्जी और उनके हमवतन शिक्षाविद् सतीश त्रिपाठी को न्यूयार्क के गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने एक आयोग में नामित किया है। आयोग राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की योजना बनाएगा। कोरोना वायरस महामारी के कारण अमेरिका की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। कुओमो ने रविवार को घोषणा की कि गूगल के पूर्व सीईओ एरिक श्मिट की अगुवाई वाला राज्य का ब्लू-रिबन आयोग नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से टेलीहेल्थ और ब्रॉडबैंड पहुंच में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।

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आयोग में 15 सदस्य हैं, जिसमें मुखर्जी और त्रिपाठी के साथ ही अन्य प्रमुख हस्तियों, जैसे रॉकफेलर फाउंडेशन के अध्यक्ष रिचर्ड पार्सन्स, फोर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष डेरेन वाकर और कॉर्नेल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मार्था पोलाक और आईबीएम की अध्यक्ष गिन्नी रोमेल्टी शामिल हैं। भारत में जन्मे मुखर्जी एक रक्त और ट्यूमर रोग विशेषज्ञ और कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में चिकित्सा के सहायक प्रोफेसर हैं। उन्हें 2011 में द एम्परर ऑफ ऑल मैलोडीज: ए बायोग्राफी ऑफ कैंसर के लिए पुलित्जर पुरस्कार मिला। त्रिपाठी न्यूयॉर्क राज्य में स्थित बफेलो विश्वविद्यालय के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातकी डिगी ली हैं और तीन मास्टर डिग्री हासिल की हैं। यह आयोग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने, व्यापार क्षेत्र में विश्वास बहाल करने और सार्वजनिक परिवहन, शिक्षा में नई तकनीक और टेलीमेडिसिन के बारे में सलाह देगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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