राजन ने कहा विदेशी खातों की वैधता की जांच होगी

राजन ने आज कहा कि किसी के लिए विदेशी खाते खोलने का वैध कारण हो सकता है और विभिन्न एजेंसियों वाला जांच दल पनामा से लीक किये गये दस्तावेजों की वैधानिकता की जांच करेगा।

मुंबई। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि किसी के लिए विदेशीं खाते खोलने का वैध कारण हो सकता है और विभिन्न एजेंसियों वाला जांच दल पनामा से लीक किये गये दस्तावेजों में सामने आये भारतीयों के खातों की वैधानिकता की जांच करेगा। सरकार ने इस जांच दल की घोषणा कल की। रिजर्व बैंक को भी इसमें रखा गया है। पनामा दस्तावेजों में सामने आए नामों में कई नामचीन उद्योगपतियों और सिनेमा जगत के लोगों समेत करीब 500 भारतीयों के नाम हैं।

उन्होंने यहां 2016-17 की पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति जारी करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ''जाहिर है हम भी जांच करने वालों में शामिल हैं। यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि देश से बाहर खाते रखने की वैध वजहें भी होती हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उदारीकृत रेमिटांस योजना (एलआरएस) से आपको धन बाहर रखने में मदद मिलती है। फिर भी यह देखना है कि क्या वैध, क्या नहीं। यह जांच का काम है और यह काम किया जाएगा।’’ एलआरएस के तहत देश में रहने वाले वयस्क, अल्प-वयस्क व्यक्तियों एक वर्ष में किसी भी स्वीकृत चालू या पूंजीगत खाते या दोनों में कुल मिला कर 2,50,000 डालर की पूंजी बाहर भेजने की छूट है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर इस मामले में विभिन्न एजेंसियों का जांच समूह बनाया गया है। इसमें सीबीडीटी, आरबीआई और एफआईयू (वित्तीय आसूचना इकाई) के अधिकारी शामिल होंगे। इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने पनामा की विधि सेवा फर्म मोसाक फोंसेका के टाटा सेंटर से लीक हुए करीब एक करोड़ 15 लाख दस्तावेजों के आधार पर सोमवार को प्रकाशित रपट में कहा था कि भारत के कम से कम 500 लोग कर चोरों की नाहगाह माने जाने वाले विदेशी स्थानों की कंपनियों से संबद्ध है। अखबार का दावा है कि इस सूची में 234 भारतीयों के प्रतिष्ठानों, न्यासों और पासपोर्ट के ब्योरे शामिल हैं। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एच आर खान ने कहा कि इस मामले में 2-3 मुद्दे शामिल हैं। खान ने कहा, ‘‘फेमा के तहत कुछ चीजों की मंजूरी है और कुछ की नहीं। इसलिए जांच से जाहिर होगा कि क्या वैध है।’’ काले धन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को कहा कि वह पनामा दस्तावेज मुद्दे की सिरे से जांच करेगा। एसआईटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमबी शाह ने कहा था, ‘‘जांच की जा रही है। हम इस सूची की पूरी तरह जांच करेंगे।’’

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