Ratan Tata की सेशेल्स प्रॉपर्टी बिकने की तैयारी, शिवशंकरन ने दी 55 करोड़ की पेशकश

Ratan Tata
प्रतिरूप फोटो
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Ankit Jaiswal । Nov 28 2025 10:28PM

सेशेल्स में रतन टाटा की कीमती प्रॉपर्टी को शिवशंकरन द्वारा 55 करोड़ रुपये की पेशकश के बाद बेचने की तैयारी है, जिसकी वसीयत के अनुसार आय रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और ट्रस्ट में जाएगी। हालांकि शिवशंकरन ने अनभिज्ञता जताई है, सूत्रों के अनुसार शुरुआती बातचीत हुई है, लेकिन शिवशंकरन की दिवालियापन की कार्यवाही डील को जटिल बना सकती है।

नई दिल्ली: दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की सेशेल्स स्थित समुद्र किनारे बनी एक आलीशान प्रॉपर्टी को बेचने की तैयारी चल रही है। बता दें कि यह विला माहे द्वीप पर मौजूद है, जो सेशेल्स का सबसे बड़ा और बेहद लोकप्रिय द्वीप माना जाता है। रतन टाटा ने अपनी वसीयत में इस प्रॉपर्टी को अपने सिंगापुर स्थित फंड RNT Associates के नाम किया था, जो भारतीय स्टार्टअप्स में सक्रिय रूप से निवेश करता है।

शुरुआत में इस प्रॉपर्टी की कीमत लगभग 85 लाख रुपये बताई गई थी, लेकिन मौजूद जानकारी के अनुसार अब इस पर 6.2 मिलियन डॉलर यानी करीब 55 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है। यह पेशकश एयरसेल के पूर्व संस्थापक सी. शिवशंकरन और उनके परिजनों/साथियों की ओर से आई है।

जब अंग्रेजी दैनिक TOI ने शिवशंकरन से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने जानकारी की कमी जताते हुए कहा कि उन्हें इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि शुरुआती बातचीत जरूर हुई है, लेकिन अभी किसी तरह का ठोस समझौता नहीं हुआ है। यह भी सामने आया है कि शिवशंकरन, जो अब सेशेल्स की नागरिकता ले चुके हैं, ने ही वर्षों पहले रतन टाटा को यह प्रॉपर्टी खरीदने में सहायता की थी। गौरतलब है कि सेशेल्स में भूमि खरीदने का अधिकार केवल नागरिकों को मिलता है, लेकिन रतन टाटा को उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा और परोपकारी कार्यों को देखते हुए विशेष छूट दी गई थी।

टाटा समूह का सेशेल्स से पुराना रिश्ता रहा है। 1982 में सेशेल्स सरकार ने टाटा मोटर्स के सम्मान में एक विशेष डाक टिकट जारी किया था। वहीं कुछ वर्षों तक ताज होटल्स ने डेनिस आइलैंड स्थित एक प्रॉपर्टी का प्रबंधन भी संभाला था। हालांकि फिलहाल टाटा मोटर्स और इंडियन होटल्स का वहां कोई व्यावसायिक संचालन नहीं है।

हाल ही के एक इंटरव्यू में 69 वर्षीय शिवशंकरन ने रतन टाटा के साथ अपने संबंधों पर विस्तृत रूप से बात की थी। उन्होंने बताया था कि एक समय ऐसा भी था जब वह मुंबई की बख्तावर बिल्डिंग में रतन टाटा के घर रोजाना सुबह 7:15 बजे जाया करते थे। शिवशंकरन, रतन टाटा के सरल स्वभाव, करुणा और शांत व्यक्तित्व के लंबे समय से प्रशंसक हैं। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि सिंगापुर से सेशेल्स की उड़ान के दौरान जब विमान का एक इंजन फेल हो गया था, तब वे घबरा गए थे और अपने बेटे को जीमेल पासवर्ड भी भेज दिया था, जबकि रतन टाटा पूरी तरह शांत रहे और बोले “पायलटों को अपना काम करने दो।”

डील पूरी होने की स्थिति में इससे होने वाली आय का बंटवारा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट के बीच बराबर किया जाएगा। इसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने 16 जून 2025 को आदेश दिया था और वसीयत को विधिवत मंजूरी भी दी थी। बता दें कि प्रॉपर्टी के शुरुआती मूल्यांकन और शिवशंकरन पक्ष द्वारा की गई पेशकश में काफी बड़ा अंतर है, जो दर्शाता है कि वे इस संपत्ति को अधिक कीमत पर भी खरीदने को तैयार हैं। सूत्रों के मुताबिक शिवशंकरन के बेटे सरवन शिवशंकरन भी इस चर्चा में शामिल हैं और वह मारलो टेक्नोलॉजीज के संस्थापक हैं। परिवार की यह भी इच्छा है कि प्रॉपर्टी पूरी तरह लीगल क्लियरेंस के साथ मिले, जिसमें किसी तरह का टैक्स बकाया या अधूरा निर्माण न हो।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह डील कैसे आगे बढ़ेगी, क्योंकि शिवशंकरन वर्तमान में सेशेल्स सुप्रीम कोर्ट में दिवालियापन से जुड़ी कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में यह भी कहा था कि मामला कोर्ट में चल रहा है और सुनवाई पूरी होते ही उन्हें अपने फंड वापस मिलने की उम्मीद है। एक समय दुनिया के कई देशों में संपत्तियों और दो द्वीपों के मालिक रहे शिवशंकरन ने कहा था कि भारत में लोग उन्हें गरीब समझते हैं, लेकिन वे 'कंगाल नहीं' हैं। उन्होंने स्टर्लिंग कंप्यूटर्स, डिशनेट DSL और फ्रेश एंड ऑनेस्ट कॉफी वेंडिंग चेन जैसे कई सफल उपक्रम खड़े किए थे, और एक समय उनकी नेटवर्थ 4 अरब डॉलर से अधिक बताई जाती थी।

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