बैंकों के बिजनेस मॉडल को और करीब से देख रहे हैं, वित्तीय चुनौतियों पर ये बोले आरबीआई गवर्नर दास
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय लचीलापन पर वैश्विक सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली लचीली बनी हुई है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के बिजनेस मॉडल की बारीकी से निगरानी शुरू कर दी है। दास ने कहा कि एक अनुचित मॉडल बैलेंस शीट के कुछ हिस्सों में जोखिम पैदा कर सकता है और भविष्य में बैंकों के लिए एक बड़ा संकट पैदा कर सकता है। दास ने वित्तीय लचीलापन पर वैश्विक सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र में विशेष रूप से व्यक्तिगत बैंकों के व्यापार मॉडल पर सवाल उठाए हैं।
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय लचीलापन पर वैश्विक सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली लचीली बनी हुई है और कुछ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में देखी गई वित्तीय अस्थिरता की हालिया घटनाओं से प्रतिकूल रूप से प्रभावित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वित्तीय लचीलापन बैंक के व्यापार मॉडल और रणनीति से निकटता से जुड़ा हुआ है।
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आरबीआई ने पूंजी पर्याप्तता आवश्यकता, परिसंपत्ति वर्गीकरण, प्रावधान आवश्यकताओं और तरलता प्रबंधन ढांचे सहित विभिन्न विवेकपूर्ण नियामक ढांचे को लागू किया है और बैंकों की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) दिसंबर 2022 तक 5.8 से घटकर 4.41 प्रतिशत हो गई है।
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