RBI ने विभिन्न विनियमों को अद्यतन करने के लिए जारी किए संशोधन

केंद्रीय बैंक ने बैंकों और एनबीएफसी सहित विभिन्न विनियमित संस्थाओं के लिए ऋण सूचना ‘रिपोर्टिंग’ प्रक्रिया से संबंधित मौजूदा निर्देशों को संशोधित करने के लिए 10 संशोधन निर्देश भी जारी किए।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में कार्यरत विदेशी बैंक शाखाओं की ओर से अपनी समूह संस्थाओं को दिए गए ऋणों के विवेकपूर्ण उपचार के संबंध में बृहस्पतिवार को स्पष्टीकरण जारी करने के साथ कई दूसरे नियमों में भी संशोधन किए।
संशोधित नियम में कहा गया है कि बैंकों के पास एकल प्रतिपक्ष, परस्पर संबद्ध प्रतिपक्षों के समूहों, अर्थव्यवस्था के विशिष्ट क्षेत्रों के प्रति उनके जोखिम के संकेन्द्रण जोखिम प्रबंधन की नीतियां होंगी। साथ ही बहुत-बड़े उधारकर्ताओं के प्रति उनके जोखिम से उत्पन्न जोखिमों की निगरानी और समाधान के लिए प्रणालियां भी होंगी।
संशोधित निर्देशों में कहा गया, ‘‘हालांकि बैंकों के पास बहुत-बड़े उधारकर्ता पर निर्णय लेने के लिए अपने खुद के मानदंड हो सकते हैं लेकिन उन्हें ऐसे उधारकर्ताओं के ऋण मूल्यांकन के लिए बैंकिंग प्रणाली से ऐसी संस्थाओं द्वारा ली गई समग्र उधारी को भी ध्यान में रखना होगा।’’
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने कई अन्य नियमों में संशोधन जारी किए। भारतीय रिजर्व बैंक (वाणिज्यिक बैंक-ऋण सुविधाएं) संशोधन निर्देश 2025, घरेलू एवं निर्यातक आभूषण विक्रेताओं के लिए सुव्यवस्थित व सुसंगत नियमन सुनिश्चित करने, व्यापार में सुगमता बढ़ाने और स्वर्ण धातु ऋणों पर एक पर्यवेक्षी प्रबंधन सूचना प्रणाली विकसित करने के लिए बनाया गया है।
केंद्रीय बैंक ने बैंकों और एनबीएफसी सहित विभिन्न विनियमित संस्थाओं के लिए ऋण सूचना ‘रिपोर्टिंग’ प्रक्रिया से संबंधित मौजूदा निर्देशों को संशोधित करने के लिए 10 संशोधन निर्देश भी जारी किए।
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