बैंक यूनियन ने धनलक्ष्मी बैंक के कामकाज को लेकर आरबीआई से हस्तक्षेप की मांग की

Dhanalakshmi Bank

एआईबीईए ने दास को लिखे पत्र में कहा कि कुछ साल पहले, खासकर 2008 से 2012 के बीच, यह बैंक अपने प्रदर्शन को लेकर कई समस्याओं का सामना कर रहा था और इस दौरान उसे 850 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।

नयी दिल्ली। बैंक यूनियन ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने धनलक्ष्मी बैंक के कामकाज को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। एआईबीईए का कहना है कि धनलक्ष्मी बैंक कथित रूप से ‘‘गलत दिशा में बढ़ रहा है।’’ एआईबीईए ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को लिखे पत्र में दावा किया है कि बैंक अपने व्यावसायिक प्रोफाइल को बदलने, उत्तर भारत में नेटवर्क का विस्तार करने और अनुबंध के आधार पर वरिष्ठ लोगों को नियुक्त करने की कोशिश कर रहा है, जिसके चलते ये मुसीबत में पड़ सकता है। पत्र में कहा गया है कि पांच साल तक घाटे में रहने के बाद बैंक दो साल पहले मुनाफे में आया है।

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एआईबीईए ने दास को लिखे पत्र में कहा कि कुछ साल पहले, खासकर 2008 से 2012 के बीच, यह बैंक अपने प्रदर्शन को लेकर कई समस्याओं का सामना कर रहा था और इस दौरान उसे 850 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि आरबीआई के हस्तक्षेप के बाद अब बैंक लाभ में आ गया है।

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उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में बैंक का शीर्ष प्रबंधन बदल गया है और हाल के महीनों में एआईबीईए यह देखकर चिंतित है कि शायद बैंक एक बार फिर से गलत दिशा में जा रहा है। एआईबीईए ने दावा किया कि अगर भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बैंक के मामले में प्रभावी रूप से हस्तक्षेप नहीं किया तो बैंक एक बार फिर परेशानियों से घिर सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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