Reliance AGM 2024 में बोले Mukesh Ambani, कहा- रिलायंस इस वर्ष 10 लाख करोड़ रुपये का राजस्व पार करने वाली पहली कंपनी बनी

Mukesh ambani AGM
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रितिका कमठान । Aug 29 2024 5:47PM

रिलायंस का निर्यात 2,99,832 करोड़ रुपये (35.9 बिलियन डॉलर) था, जो भारत के कुल व्यापारिक निर्यात का 8.2 प्रतिशत था। रिलायंस ने पिछले तीन वर्षों में संचयी रूप से 5.28 लाख करोड़ रुपये (66.0 बिलियन डॉलर) से अधिक का निवेश किया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की 47वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन 29 अगस्त को किया गया है। इस बैठक को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने भी संबोधित किया है। इस दौरान मुकेश अंबानी ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 10,00,122 करोड़ रुपये (119.9 अरब डॉलर) का रिकॉर्ड समेकित कारोबार किया, जिससे वह वार्षिक राजस्व में 10 लाख करोड़ रुपये (119.9 अरब डॉलर) का आंकड़ा पार करने वाली भारत की पहली कंपनी बन गई।

उन्होंने बताया कि रिलायंस का EBITDA 1,78,677 करोड़ रुपये (21.4 बिलियन डॉलर) रहा, जबकि शुद्ध लाभ 79,020 करोड़ रुपये (9.5 बिलियन डॉलर) रहा। EBITDA का मतलब है ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय जो कंपनी को होती है। मुकेश अंबानी ने कहा, "रिलायंस का निर्यात 2,99,832 करोड़ रुपये (35.9 बिलियन डॉलर) था, जो भारत के कुल व्यापारिक निर्यात का 8.2 प्रतिशत था। रिलायंस ने पिछले तीन वर्षों में संचयी रूप से 5.28 लाख करोड़ रुपये (66.0 बिलियन डॉलर) से अधिक का निवेश किया है।"

रिलायंस राष्ट्रीय खजाने में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना रहा, जिसने वित्त वर्ष 2023-24 में विभिन्न करों और शुल्कों के माध्यम से ₹1,86,440 करोड़ ($22.4 बिलियन) का योगदान दिया। पिछले तीन वर्षों में, रिलायंस का राजकोष में योगदान ₹5.5 लाख करोड़ ($68.7 बिलियन) को पार कर गया, जो किसी भी भारतीय कॉर्पोरेट द्वारा दिया गया सबसे अधिक योगदान है।

रिलायंस ने अपने वार्षिक सीएसआर खर्च में 25% की वृद्धि करके ₹1,592 करोड़ ($191 मिलियन) तक अपने सामाजिक प्रभाव का विस्तार किया। इसके साथ ही, पिछले तीन वर्षों में रिलायंस का कुल सीएसआर खर्च ₹4,000 करोड़ ($502 मिलियन) को पार कर गया, जो सभी भारतीय कॉरपोरेट्स में सबसे अधिक है।

उन्होंने कहा, "हमारे आत्मनिर्भर प्रयासों की सफलता के साथ, हम भारत को डीप-टेक राष्ट्र में बदलने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। रिलायंस ने वित्त वर्ष 2024 में अनुसंधान और विकास पर 3,643 करोड़ रुपये ($437 मिलियन) से ज़्यादा खर्च किए, जिससे पिछले चार सालों में ही अनुसंधान पर हमारा खर्च 11,000 करोड़ रुपये ($1.5 बिलियन) से ज़्यादा हो गया है।" 

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