SEBI प्रमुख Madhabi Puri Buch के IIM बैचमेट्स ने उनके खिलाफ लगे आरोपों की निंदा की, कही है ये बात
उनके बैचमेट्स ने कहा कि उन्होंने "प्रश्नों से परिचित लोगों" से बात की और दावों की पुष्टि करने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों को देखा, जिसके बाद "आश्चर्य की बात नहीं है, हमने पाया कि उनके बारे में बनाई जा रही कहानी, जो जाहिर तौर पर उनके आयकर रिटर्न से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है, स्पष्ट रूप से झूठी है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर लगातार कई आरोप लग रहे है। इन आरोपों के बीच माधबी पुरी बुच के आईआईएम-अहमदाबाद बैच के उनके दोस्तों और साथियों ने उनका समर्थन किया है। बुच के साथियों ने उनपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है।
उनके आईआईएम के पुराने दोस्तों ने कहा है कि बुच के बारे में जो भी बातें फैलाई जा रही बातें उन्हें सही नहीं लगती है। गौरतलब है कि माधबी पुरी बुच 1988 में देश के शीर्ष प्रबंधन बी-स्कूल यानी आईआईएम से पास हुई थीं। उन्होंने एक बयान में कहा कि आरोपों का न केवल उनके व्यक्तिगत रूप से बल्कि एक "महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक संस्थान" जो की आईआईएम है, उसकी विश्वसनीयता पर भी प्रभाव पड़ेगा।
उनके बैचमेट्स ने कहा कि उन्होंने "प्रश्नों से परिचित लोगों" से बात की और दावों की पुष्टि करने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेजों को देखा, जिसके बाद "आश्चर्य की बात नहीं है, हमने पाया कि उनके बारे में बनाई जा रही कहानी, जो जाहिर तौर पर उनके आयकर रिटर्न से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है, स्पष्ट रूप से झूठी है।
यह खबर ऐसे समय में आई है जब ऐसी खबरें आई हैं कि संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) सेबी प्रमुख की जांच करने वाली है और इस महीने के अंत में उन्हें तलब कर सकती है। इससे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की सेबी की जांच को लेकर माधवी पुरी बुच पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था।
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