पैनकार्ड क्लब मामला : सेबी ने चार निदेशकों पर अवैध तरीके से धन जुटाने को लेकर लगाया 20 करोड़ का जुर्माना

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सेबी ने पैनकार्ड क्लब, चार निदेशकों पर अवैध तरीके से धन जुटाने को लेकर 20 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है।सेबी ने कहा कि ये निकाय संयुक्त रूप से और गंभीर रूप से जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। कंपनी के निदेशकों में मनीष कालिदास गांधी, चंद्रसेन गणपतराव भिसे, रामचंद्रन रामकृष्णन और शोभा रत्नाकर बर्डे शामिल हैं।

नयी दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पैनकार्ड क्लब्स और उसके चार निदेशकों पर गैरकानूनी तरीके से बिना पंजीकरण वाली सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस)के जरिये निवेशकों से धन जुटाने पर शुक्रवार को कुल 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया। सेबी ने एक आदेश में कहा कि यह कंपनी पैनेरोमिक ग्रुप ऑफ कंपनीज का हिस्सा है, जो आतिथ्य सत्कार, टाइमशेयर, यात्रा व पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी में रुचि रखती है। सेबी ने कहा कि ये निकाय संयुक्त रूप से और गंभीर रूप से जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। कंपनी के निदेशकों में मनीष कालिदास गांधी, चंद्रसेन गणपतराव भिसे, रामचंद्रन रामकृष्णन और शोभा रत्नाकर बर्डे शामिल हैं। सेबी ने एक जांच के दौरान पाया कि सामूहिक निवेश योजना विनियमों के तहत अनिवार्य रूप से नियामक से अपेक्षित अनुमोदन प्राप्त किये बिना कंपनी निवेशकों से धन जुटाने में संलिप्त थी।

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सेबी ने बाजार के इन्हीं प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर कंपनी और उसके निदेशकों पर जुर्माना लगाया है। सेबी ने जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिये 45 दिनों का समय दिया है। यदि कंपनी व उसके निदेशक समयसीमा के भीतर भुगतान नहीं कर पाते हैं तो उनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। सेबी ने शुक्रवार को एक अलग आदेश में बताया कि परिचय इंवेस्टमेंट लिमिटेड (पीआईएल) के शेयरों को लेकर गलत तरीके से मात्रा दिखाने और धोखाधड़ी युक्त व्यापार करने को लेकर 16 व्यक्तियों पर कुल 1.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सेबी ने कहा कि इस मामले में पीआईएल के शेयरों के 21 जुलाई 2010 से लेकर 30 अगस्त 2011 के दौरान हुए कारोबार की जांच की गयी। जांच में पाया गया कि संलिप्त व्यक्ति प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष तौर से आपस में जुड़े हुए थे। उन्होंने मिलकर धोखाधड़ी वाले कारोबार को अंजाम दिया। इसी आधार पर सेबी ने इनमें से आठ व्यक्तियों पर 10-10 लाख रुपये का तथा शेष आठ व्यक्तियों पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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