एसएफआईओ करेगी डीएचएफएल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच

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[email protected] । Oct 29 2019 5:22PM

आवास के लिए ऋण देने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी ने अपने ऋणदाताओं से परिचालन को जारी रखने के लिए 15,000 करोड़ रुपये मांगे थे। कंपनी के ऋणदाता उसके लिए निपटान योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं। इसमें अपने कर्ज को इक्विटी में बदलकर कंपनी की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना भी शामिल है।

नयी दिल्ली। सरकार संकट में फंसी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) में वित्तीय अनियमितताओं की जांच जल्द ही गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को सौंप सकती है। एक सूत्र ने यह जानकारी देते हुये कहा कि कंपनी पंजीयक की एक रिपोर्ट में कंपनी में धन की हेराफेरी और गबन के संकेत मिले हैं। एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी पंजीयक, मुंबई कार्यालय ने डीएचएफएल के बारे में रिपोर्ट कुछ दिन पहले कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को सौंपी है। 

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अधिकारी ने कहा कि डीएचएफएल में अनियमितता का मामला एसएफआईओ को सौंपने की कई वजहें हैं। एक रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया था कि डीएचएफएल ने मुखौटा कंपनियों के जरिये 97,000 करोड़ रुपये के कुल बैंक कर्ज में से कथित रूप से 31,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है। इन आरोपों के बाद कंपनी पंजीयक मुंबई ने इस मामले पर गौर किया। जांच में यह बात सामने आई कि कई मुखौटा कंपनियों के कार्यालय दिए गए पते पर नहीं थे। 

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कंपनी कानून के तहत कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। वह कंपनी के बही खातों का भी निरीक्षण कर सकता है। केपीएमजी के फॉरेंसिक आडिट में भी डीएचएफएल के प्रवर्तकों द्वारा बड़े पैमाने पर धन को इधर उधर करने का पता चला है। माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम से कंपनी के ऋणदाता संभवत: उसके पुनरोद्धार से हिचकिचाएंगे। 

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आवास के लिए ऋण देने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी ने अपने ऋणदाताओं से परिचालन को जारी रखने के लिए 15,000 करोड़ रुपये मांगे थे। कंपनी के ऋणदाता उसके लिए निपटान योजना को अंतिम रूप दे रहे हैं। इसमें अपने कर्ज को इक्विटी में बदलकर कंपनी की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना भी शामिल है। केपीएमजी ने ऋणदाताओं को रिपोर्ट का मसौदा सौंपा है। इसके अनुसार डीएचएफएल के प्रवर्तकों ने करीब 20,000 करोड़ रुपये का बैंक ऋण अपनी संबद्ध इकाइयों को स्थानांतरित किया। 

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